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फिटनेस की चाह में Formula Foods बन रहा धीमा जहर, सुबह के नाश्ते में अपनाएं दाल, पनीर, और अंडा

Stay Away from Formula Foods : मजबूत शारीरिक कद काठी और फिट रहने के लिए अपनाया जा रहा ’फॉर्मूला फूड’ धीमा जहर बनता जा रहा है।

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Your Morning Formula Food Could Be Slow Poison

Your Morning Formula Food Could Be Slow Poison

Stay Away from Formula Foods : मजबूत शारीरिक कद काठी और फिट रहने के लिए अपनाया जा रहा ’Formula Foods’ धीमा जहर बनता जा रहा है। 18 से 30 आयु वर्ग के युवा मॉर्निंग ब्रेकफास्ट के तौर पर कृत्रिम प्रोटीन और सप्लीमेंट का जमकर सेवन कर रहे हैं।

Stay Away from Formula Foods: Include Protein-Rich Meals in Your Morning Breakfast

Formula food side effects : इनके लगातार सेवन से किडनी और लिवर को भारी नुकसान होने की आशंका के साथ हारमोन असंतुलन, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर, घबराहट और यूरिक एसिड जैसी गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है। चिंता की बात यह है कि इनका सेवन करने से पहले करीब 80 प्रतिशत लोग किसी विशेषज्ञ की सलाह भी नहीं लेते। यह घर बैठे लोगों को आसानी से उपलब्ध भी हो रहा है। जबकि फिट रहने के लिए दाल, पनीर, सोयाबीन, एग, नॉनवेज जैसे प्राकृतिक आहार सबसे उपयुक्त हैं।

कोविड-19 महामारी के बाद भारत में प्रोटीन सप्लीमेंट्स (Protein Supplements) की मांग में करीब 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का अनुमान है।\

गौरतलब है कि देश भर में प्रचलित 156 कोंबिनेशन दवाओं के दीर्घकालिक उपयोग से दुष्प्रभाव को देखते हुए केन्द्र सरकार ने अपनी विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर हाल ही में इन दवाओं की बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी है।

कार्डियक, न्यूरो, रेस्पिरेटरी खतरे, इसलिए लगी 156 दवा कोंबिनेशन पर रोक

Banned combination drugs in India : औषधि नियंत्रक अजय फाटक के अनुसार केन्द्र सरकार ने क्लीनिकल सेफ्टी की जरूरत देखते हुए 156 दवाओं पर रोक लगाई है। इनके दीर्घकालिक उपयोग से दुष्प्रभाव की आशंका रहती है। जिनमें प्रमुख तौर पर कार्डियक, न्यूरोलॉजिकल और रेस्पिरेटरी समस्या जैसे दुष्प्रभाव शामिल हैं। केन्द्र की अधिसूचना के बाद अब निर्माताओं को स्वत: ही पूरा स्टॉक बाजार से हटाना होगा।

प्राकृतिक फॉर्मूले से बेहतर कुछ नहीं

कृत्रिम प्रोटीन (Artificial Protein) और सप्लीमेंट जल्द फिट होने के लिए फूड फॉर्मूला है। लोगों को यह पता नहीं होता कि यह शरीर के प्रमुख अंगों के लिए हानिकारक है। इससे किडनी, लिवर और जोड़ पर घातक असर पड़ता है। हम प्राकृतिक फार्मुले का उपयोग करें तो इन चीजों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
डॉ.रमन शर्मा, मेडिसिन रोग विशेषज्ञ

23 वर्ष की आयु में क्रिटिनाइन हो गया 3.5

एलर्जी एवं चेस्ट विशेषज्ञ डॉ.एम.के. गुप्ता ने बताया कि कुछ समय पहले 23 वर्ष आयु का युवक आया। वह शारीरिक सौष्ठव के लिए कृत्रिम प्रोटीन (Artificial Protein) का सेवन करता था। उसका क्रिटिनाइन 3.5 हो गया। जबकि इससे पहले वह फिट था। यह एक उदाहरण है। इनसे किडनी, लिवर की बीमारियों सहित अन्य गंभीर खतरे होते हैं। इनको लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए कैमिकल मिलाए जाते हैं। यह धीरे-धीरे पूरे शरीर को धीमा करता है। शरीर में सूजन भी हो सकती है। यह युवाओं को इसलिए आकर्षित करता है क्योंकि यह शरीर से फैट हटाकर सिर्फ मसल्स दिखाता है। जबकि उन्हें इसके दुष्प्रभाव पता ही नहीं होते।

विकास जैन