दर्द से तड़पते रहे घायल, दोनो जेब मे हांथ डाल तफरी करता रहा डॉक्टर
अंदरूनी कलह बनी परेशानी का सबब
Injured in pain, the doctor kept on hammering in both pockets
डिंडोरी. कहने को तो जिला मुख्यालय में करोड़ो का जिला अस्पताल है लेकिन करोड़ो की लागत से बने इस जिला अस्पताल में व्याप्त अव्यस्थाओं और डॉक्टरों की लापरवाही का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। हाल ही में जिला अस्पताल के कुछ ऐसे मामले सामने आये हैं जिन्हें नजरअंदाज करना जिले वासियों की सेहत से खिलवाड़ करने जैसा है। अस्पताल प्रबंधन से असंतुषटों की माने तो डेंगू जैसी गंभीर बीमारी में बुखार का उपचार जैसे गंभीर मसले भी सोशल मीडिया पर खासे चर्चित रहे हैं। ऐसी स्थिति में शुक्रवार की रात एक बार फिर लापरवाह डॉक्टर का अमानवीय चेहरा सामने आना इस बात का द्योतक है कि आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार संभव नहीं है। जबकि जिले के आदिवासी नेता राज्य से लेकर केंद्र सरकार में सुशोभित पदों पर आसीन रहते आ रहे हैं।
क्या है मामला
दरअसल मामला शुक्रवार की देर शाम का है जिसमे किसलपुरी के नजदीक मुख्य मार्ग पर दो वाहनो की भिड़ंत में एक महिला कि मौके पर ही मौत हो गई। इसके अलावा सात अन्य घायलों को उपचारार्थ जिला अस्पताल लाया गया। लेकिन आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में मौजूद डॉक्टर गंभीर रूप से घायलों के उपचार करने की बजाय दोनो हांथ जेब मे डाल तफरी करते कैमरे में कैद हो गए। ज्ञात हो कि उक्त डॉक्टर की शिकवा शिकायतें पहले भी लगातार सामने आती रही हैं। बावजूद इसके ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर की कार्य प्रणाली में कोई सुधार होता नजर नहीं आया।
बीते एक वर्ष के कार्यकाल पर नजर दौडाई जाए तो अस्पताल का माहौल खराब करने में कुछ पुराने डॉक्टरों का खासा योगदान रहा है, जो स्वयं तो काम करने से कतराते हैं और यदि अन्य कोई बेहतर सेवा देने का प्रयास करता है तो संगठित हो उसे बाहर का रास्ता दिखाने से भी बाज नही आते। आज भी जिला चिकित्सालय में ऐसे डॉक्टर मौजूद हैं जो जिला अस्पताल में कम और अपने निजी क्लीनिक पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
स्थानीयजनो में नाराजगी
सोशल मीडिया पर मामले की गंभीरता को देख जहाँ कोतवाली प्रभारी फौरन मौके पर पहुँच गये, तो वहीं आम जन भी घायलों की हरसंभव मदद को तैयार दिखे। मगर अफसोस कि वही ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर की कार्यप्रणाली स्थानीय जनों के लिये नाराजगी बनकर सामने आई। इस दौरान कुछ एक स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने भी जिले के आला अधिकारियों को मामले से अवगत कराने उनके मोबाइल फोन पर कॉल किया।
इनका कहना है ..
इस संबंध में अन्य और लोगों से भी जानकारी प्राप्त हुई है। मामले की निष्पक्ष जांच करा दोषी को दंडित किया जायेगा। इसके अलावा अस्पताल की व्यवस्थाओं के सुधार हेतु प्रयास किया जायेगा।
राजेश बहुगुणा, संभागायुक्त जबलपुर संभाग