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डिंडोरी

जजेस कॉलोनी की एफ टाइप बिल्डिंग और भोंदूटोला क्वारंटीन सेंटर को घोषित किया एपिसेंटर

आम नागरिकों का आवागमन प्रतिबंधित

डिंडोरीJun 05, 2020 / 10:02 pm

Rajkumar yadav

file phpto

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डिंडोरी .अपर कलेक्टर मिनिषा भगवती पांडेय ने पांच जून को जजेस कॉलोनी की एफ टाइप बिल्डिंग और भोंदूटोला क्वांटीन सेंटर को एपिसेंटर और आसपास के क्षेत्र को कंटेन्मेंट जोन घोषित कर दिया है। इससे पहले वार्ड नंबर-11 स्थित जजेस कॉलोनी में होम क्वारंटीन में भर्ती एक युवक की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद नगर परिषद की टीम ने सीएमओ शशांक आर्मो की मौजूदगी में क्षेत्र को सैनिटाइज किया। एहतियात के तौर पर हाल ही में शुरू हुई नई कोर्ट बिल्डिंग और कलेक्टोरेट ऑफिस को भी सैनिटाइज किया गया। गुरुवार रात जिले में पांच कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है। जिनमें एक व्यक्ति होम क्वारंटीन और दो भोंदूटोला स्थित आदिवासी बालक छात्रावास में बने क्वारंटीन सेंटर में भर्ती था। लिहाजा सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन ने जजेस कॉलोनी की एफ टाइप बिल्डिंग व भोंदूटोला क्वारंटीन सेंटर को एपिसेंटर और आसपास के इलाके को कंटेन्मेंट जोन घोषित कर दिया है। नगर परिषद अमले ने सैनिटाइजेशन और प्रशासन ने बेरिकेडिंग समेत अन्य एहतियाती व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित कीं। क्षेत्र को पूरी तरह सील करके मरीज के परिजनों और ड्राइवर को भी क्वारंटीन सेंटर में भर्ती कराया गया है। यह युवक हाल में मुंबई से लौटा है, जिसे सवाधानीपूवर्क होम क्वारंटीन में रहने के निर्देश मिले थे।
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पोंड़ी पहुंचा प्रशासनिक अमला
एक मरीज कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद गांव को किया सील
मेहंदवानी. मेंहदवानी विकासखंड के खम्हरिया ग्राम पंचायत के पोंड़ी गांव में गुरुवार 04 जून की रात 01 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद 05 जून को बड़ी संख्या में प्रशासनिक अमला वहां पहुंचा। शहपुरा एसडीएम रजनी वर्मा की मौजूदगी में गांव को चारों ओर से सील कर दिया गया है। साथ ही पूरे गांव को सैनिटाइज किया गया और स्थानीय नागरिकों को होम क्वारंटीन में रहने की हिदायत दी गई। मेहंदवानी बीएमओ डॉ. अमित जैन, एसडीओपी लोकेश मार्को, मेहंदवानी जपं सीईओ गणेश पांडेय, सब इंजीनियर गणेश साहू सहित स्वास्थ्य विभाग टीम ने गांव में एहतियाती व्यवस्थाएं कीं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अमले ने मरीज को डिंडोरी शिफ्ट कर दिया है।
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मुम्बई से पहुँचे प्रवासी बन रहे खतरे का सबब
डिंडोरी. बेशक सेम्पलिग के मामले में डिंडोरी जिला संभाग में सबसे ऊंचे पायदान पर रहा हो, लेकिन क्वारंटीन सेंटरों और स्वास्थ्य परीक्षण में बरती जा रही लापरवाही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के सोशल मीडिया पर कहे गये उस दावे को पहले सिरे से खारिज करती है, जिसमे उन्होंने कहा था कि हम रहें ना रहें डिंडोरी तो रहेगा, लेकिन वास्तविकता एकदम परे है। बजाग व मेहंदवानी के बाद डिंडोरी से आये मामले यह साबित करने के लिये काफी हैं कि जिम्मेदार कोविड-19 जैसी घातक बीमारी को लेकर कितने सजग हैं। जबकि खबरों के माध्यम से जिम्मेदारों को पहले भी आगाह किया जाता रहा है। बावजूद इसके ऐसी परिस्थिति में बारंबार उन्ही मामलों को लेकर हीलाहवाली व लापरवाही कि पुनरावृत्ति होती है, तो निश्चित ही यह गंभीर लापरवाही की श्रेणी में आता है। लिहाजा यह तय है कि जिले में आगे कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद में और भी तेजी से इजाफा हो सकता है। यदि कोरोना संक्रमित मरीजों की बात की जाए तो अब तलक 29 मामलो की पुष्टि हो चुकी है, जिनमे से पाँच पूरी तरह स्वस्थ हो अपने अपने मुकाम पर हैं।
क्या है मामला
ज्ञात हो कि शुक्रवार के दिन नव निर्मित न्यायाधीश कॉलोनी में मुम्बई से आया एक युवा कोरोना संक्रमित पाया गया। सूत्रों के मुताबिक जो कि दो जून को मुम्बई से लौटा था। साथ ही डिंडोरी का एक बुकिंग एजेंट उक्त युवा को अपने निजी वाहन में जबलपुर से डिंडोरी लेकर आया था। जानकारों की माने तो मुम्बई से आये युवा का स्वास्थ्य परीक्षण तो किया गया, लेकिन उसे स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने घर पर ही क्वारंटीन करने के लिये कह दिया और इस दरमियाँ उक्त युवा ने मार्केट का जायजा भी लिया। इसके अलावा उसके पिता जिनके बारे में यह जानकारी आ रही है कि वह न्यायाधीश के रीडर है। वह भी अपने शासकीय कार्य मे लगातार संलग्न रहे। फिर बुकिंग एजेंट को भी क्वारंटीन नही किया गया था। स्वाभाविक है कि बीते दो से तीन दिनों में यह नगर के अन्य लोगों के संपर्क में भी आये होंगे। नतीजतन अब जिम्मेदार संपर्क में आये लोगों की तलाशी में जुटे हैं।
लापरवाही या दबाव
अब तक लापरवाही के जितने मामले सामने आये उसमें जिला मुख्यालय में बरती गई लापरवाही सबसे उपर है। दरअसल जब स्वास्थ्य अमले को यह जानकारी थी कि अब तलक जितने भी मामले जिले में उजागर हुये हैं। उनमें मुम्बई से आये प्रवासियों का आंकड़ा चौकाने वाला है। फिर जानबूझकर इतनी बड़ी लापरवाही में दोषी कौन? नि:संदेह उक्त मामले की बारीकी से जाँच पड़ताल की जानी चाहिये। इसके अलावा मेहंदवानी में भी पाये गये, तीनो मजदूर कोरोना संक्रमित थे, जिन्हें बजाग की ही तर्ज पर क्वारंटीन करने के स्थान पर डिस्चार्ज कर दिया गया था। जो बाद में लगभग छह दिनो तक रोजगार गारंटी योजना में कार्यरत थे।

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