घरेलू वायु प्रदूषण से हो सकता है निमोनिया
घरेलू वायु प्रदूषण (एचएपी) फेफड़े के संक्रमण से निपटने के लिए शरीर की प्रतिरोधक
क्षमता को कम कर देता है
लंदन। एक नए शोध से पता चला है कि घर के अंदर वायु प्रदूषण (एचएपी) स्वस्थ लोगों के फेफड़ों के प्रतिरक्षी तंत्र को भी कमजोर कर सकता है, जिससे आगे चलकर निमोनिया होने का खतरा बढ़ सकता है।
ब्रिटेन के ऎनट्री विश्वविद्यालय अस्पताल के श्वास संबंधी विशेषज्ञ जेमी रायलैंस का कहना है, हमारे शोध से पता चला है कि घरेलू वायु प्रदूषण (एचएपी) फेफड़े के संक्रमण से निपटने के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। कम आय वाले देशों में महिलाओं और बच्चों जैसे संवेदनशील समूह के इससे अधिक प्रभावित होने की संभावना है।
दुनियाभर में तीन अरब लोग घर में खाना बनाने, रोशनी करने और गर्मी के लिए ईंधन जलाने के दौरान एचएपी के संपर्क में आते हैं। इससे विशेष रूप से कम और मध्यम आय वाले देशों में निमोनिया होने का खतरा बढ़ जाता है। इन देशों में निमोनिया शिशु मृत्यु दर का सबसे बड़ा कारण है। इस शोध को अमेरिकी पत्रिका “रिस्पायरेटरी सेल एंड मॉलीक्यूलर बायोलॉजी” में प्रकाशित किया गया है।
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