scriptकर्इ राेगाें काे खत्म करने में कारगर है जीन थैरेपी | Gene Therapy is effective to reduce many diseases | Patrika News
रोग और उपचार

कर्इ राेगाें काे खत्म करने में कारगर है जीन थैरेपी

Gene Therapy: मानव शरीर में हर बीमारी जीन के म्यूटेशन से होती है, जो व्यक्ति को उसके परिवार के किसी सदस्य के डीएनए या क्रोमोसोम्स से मिलती हैं। इसमें डायबिटीज, हृदय रोग, बीपी, कैंसर और रक्त संबंधी रोग प्रमुख हैं…

जयपुरNov 12, 2019 / 01:40 pm

युवराज सिंह

Gene Therapy is effective to reduce many diseases

कर्इ राेगाें काे खत्म करने में कारगर है जीन थैरेपी

Gene Therapy: मानव शरीर में हर बीमारी जीन के म्यूटेशन से होती है, जो व्यक्ति को उसके परिवार के किसी सदस्य के डीएनए या क्रोमोसोम्स से मिलती हैं। इसमें डायबिटीज, हृदय रोग, बीपी, कैंसर और रक्त संबंधी रोग प्रमुख हैं। जीन थैरेपी ( Gene therapy ) से ऐसे म्यूटेशन को खत्म किया जाता है जिसमें स्वस्थ कोशिकाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। थैलेसीमिया में शरीर में खून नहीं बनता है, जबकि हीमोफिलिया जिसमें किसी तरह की चोट लगने पर लगातार खून बहता रहता है। दोनों बीमारियों में जीन थैरेपी बहुत कारगर है। ऐसे रोगियों में कोई परेशानी देखने को नहीं मिली है। आइए जानते हैं इसके बारे में :-
लैब में सेल्स को मोडिफाइ करते
जीन थैरेपी दो तरह की होती है। पहला एक्स- विवो थैरेपी में मरीज के सेल्स बाहर निकालकर लैब में मॉडीफाइ कर मरीज के डीएनए में जोड़ते हैं। जीन के कम या ज्यादा होने से 5-10 साल बाद मरीज को नई बीमारी हो सकती है। दूसरी थैरेपी इन विवो है। इसमें मरीज के डीएनए या क्रोमोसोम्स के ढांचे से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाती है। जो जीन मिसिंग होता है उसकी जगह नया जीन डालकर बीमारी को ठीक किया जाता है। ध्यान रहे ये जरूरी नहीं कि आने वाली पीढ़ी में कोई इससे जुड़ा रोग न हो। जिन देशों में इसको लेकर कानून बने हैं, अभी उन्हीं देशों में इसका प्रयोग किया जा रहा है।
जींस पर निर्भर बालों, आंखों का रंग व कद
ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट 2002 में पूरा हुआ था। इसमें पाया गया था कि शरीर का पूरा ढांचा जींस पर निर्भर करता है। जैसे बालों और आंखों के रंग के साथ कद-काठी तक। जब शरीर में कोई तकलीफ होती है तो सबसे पहले उस जींस का पता लगाया जाता है जिससे बीमारी शुरू हुई है। खराब जींस की पहचान कर हटा देते हैं जिससे उस बीमारी से राहत मिल जाती है। थैलेसीमिया, हीमोफिलिया में कुछ चुनिंदा जींस में डिफेक्ट होता है जिसे ठीक कर लिया जाता है। कैंसर में एकसाथ कई डिफेक्ट होते हैं जिसे ठीक करना मुश्किल होता है मेडिकल साइंस में इसपर अभी काम चल रहा है।
सेल्स बनाने की क्षमता
थैलेसीमिया, हीमोफिलिया में जीन थैरेपी कारगर है। थैरेपी से शरीर में सेल्स बनाने की क्षमता बढ़ती है। हार्ट अटैक में दिल की निष्क्रिय कोशिकाओं को सक्रिय करने को लेकर अभी शोध किए जा रहे हैं।
टू हिट हाइपोथेसिस से होता है कैंसर
टू हिट हाइपोथेसिस से कैंसर होता है। पहला मरीज के जींस में किसी तरह की कोई तकलीफ हुई। ऐसे में जब व्यक्ति अत्यधित तनाव, अनिद्रा के साथ लाइफ स्टाइल संबंधी समस्या से ग्रसित हो जाता है। ऐसे में मेडिटेशन, सात्विक खानपान और दिनचर्या का ध्यान रखने से कई बीमारियों से बच सकते हैं।
प्रोटीन के निर्माण के लिए करते निर्देशित
आप शारीरिक रूप से कितने सक्षम होंगे यह बाहरी कारणों के साथ ही जीन्स की रचना पर भी काफी रूप से निर्भर करता है। जीन्स कोशिकाओं के क्रोमोजोन्स में स्थित होते हैं। ये डिओक्रिबोनूक्लेइक एसिड (डीएनए) से बने होते हैं। यह एक प्रकार का जैविक अणु होता है। 30 से 40 हजार जीन्स होते हैं। यह कोशिकाओं को एंजाइम जैसे विशेष प्रकार के प्रोटीन के निर्माण के लिए निर्देशित करते हैं।

Home / Health / Disease and Conditions / कर्इ राेगाें काे खत्म करने में कारगर है जीन थैरेपी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो