scriptएचआइवी के मरीज बीच में न छोड़ें दवा, दवा के रेजिस्टेंट से इलाज मुश्किल | HIV aids patient should take medicine on time with guidance on doctors | Patrika News
रोग और उपचार

एचआइवी के मरीज बीच में न छोड़ें दवा, दवा के रेजिस्टेंट से इलाज मुश्किल

एचआइवी (ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस) ऐसा वायरस है, जिससे एड्स होता है। यदि किसी को एचआइवी/एड्स है तो उसकी नियमित दवा लेनी चाहिए।

जयपुरDec 03, 2018 / 01:27 pm

Hemant Pandey

HIV AIDS

एचआइवी के मरीज बीच में न छोड़ें दवा, दवा के रेजिस्टेंट से इलाज मुश्किल

एचआइवी (ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस) ऐसा वायरस है, जिससे एड्स होता है। यदि किसी को एचआइवी/एड्स है तो उसकी नियमित दवा लेनी चाहिए। यदि मरीज बीच-बीच में दवा छोड़ता है तो उसमें दवा का रेजिस्टेंट होना शुरू होता है और दवा का असर नहीं होता है। मरीज को फस्र्ट लाइन की जगह सेकंड या थर्ड लाइन की दवा की आवश्यकता पड़ने लगती है। इलाज पहले से ज्यादा मुश्किल हो जाता है। मरीज को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है। यह दवा अभी कुछ ही सेंटर पर ही उपलब्ध है। इसलिए मरीज बीच में दवा किसी भी स्थिति में न छोड़ें।
7-8 साल के बाद दवा का असर होता कम
अक्सर देखा जाता है कि मरीज नियमित दवा लेता है तो वह फस्र्ट लाइन दवा से ही ठीक रहता है। लेकिन बीच-बीच में छोड़ने से दवा का असर 7-8 साल बाद कम होने लगता है। मरीज की स्थिति गंभीर होने लगती है और उसे सेकंड या थर्ड लाइन इलाज की जरूरत पड़ने लगती है। इसी तरह सेकंड व थर्ड लाइन की दवा लेने में लापरवाही होने पर 4-5 साल बाद इन दवाओं का भी असर कम होने लगता है। फिर मरीज पर कोई दवा असर नहीं करती है।

नई तकनीक से जांचते हैं दवा का असर
पहले एचआइवी की गंभीरता सीआर4 तकनीक से जांची जाती थी। इसमें बीमारी की गंभीरता का सही पता नहीं चल पता था लेकिन नई वायरल लोड तकनीक से बीमारी की सही स्थिति के साथ ही दवा का असर भी पता करते हैं। इससे एचआइवी के इलाज में आसानी हुई है।
कैसे होता है एचआईवी का इलाज
एचआइवी का कोई स्थाई इलाज नहीं है और न ही कोई वैक्सीन जिससे इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। एक बार शरीर में वायरस आ जाए तो हमेशा रहते हैं। नियमित दवा लेने से इसको गंभीर होने से रोका जा सकता है। मरीज कितने दिनों तक जिंदा रहेगा यह मरीज के रहन-सहन, खानपान और इलाज पर निर्भर करता है। इससे ग्रसित मरीजों को एंटी-रेट्रोवायरल ड्रग्स दिए जाते हैं। कोई वैक्सीन न होने के कारण इस बीमारी की प्रति जागरूकता ही बचाव है।
डॉ. अभिषेक अग्रवाल, एडिशनल नोडल अधिकारी, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज, जयपुर

Home / Health / Disease and Conditions / एचआइवी के मरीज बीच में न छोड़ें दवा, दवा के रेजिस्टेंट से इलाज मुश्किल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो