नई तकनीक से जांचते हैं दवा का असर
पहले एचआइवी की गंभीरता सीआर4 तकनीक से जांची जाती थी। इसमें बीमारी की गंभीरता का सही पता नहीं चल पता था लेकिन नई वायरल लोड तकनीक से बीमारी की सही स्थिति के साथ ही दवा का असर भी पता करते हैं। इससे एचआइवी के इलाज में आसानी हुई है।
कैसे होता है एचआईवी का इलाज
एचआइवी का कोई स्थाई इलाज नहीं है और न ही कोई वैक्सीन जिससे इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। एक बार शरीर में वायरस आ जाए तो हमेशा रहते हैं। नियमित दवा लेने से इसको गंभीर होने से रोका जा सकता है। मरीज कितने दिनों तक जिंदा रहेगा यह मरीज के रहन-सहन, खानपान और इलाज पर निर्भर करता है। इससे ग्रसित मरीजों को एंटी-रेट्रोवायरल ड्रग्स दिए जाते हैं। कोई वैक्सीन न होने के कारण इस बीमारी की प्रति जागरूकता ही बचाव है।
डॉ. अभिषेक अग्रवाल, एडिशनल नोडल अधिकारी, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज, जयपुर