– पेशाब करने में कठिनाई
– पेशाब की धारा कमजोर होना
– पेशाब में जलन या दर्द
– वीर्य में रक्त
– हड्डियों में दर्द
– कमजोरी और थकान – उम्र (50 वर्ष से अधिक)
– परिवार में प्रोस्टेट कैंसर का इतिहास
– आनुवंशिकी
– मोटापा
– धूम्रपान
– अस्वास्थ्यकर जीवनशैली
विकिरण चिकित्सा: उच्च ऊर्जा वाले एक्स-रे या प्रोटॉन का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।
हार्मोन थेरेपी: टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को कम करके कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा किया जाता है।
कीमोथेरेपी: दवाओं का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।
– धूम्रपान न करें।
– 50 वर्ष की आयु से नियमित रूप से प्रोस्टेट कैंसर की जांच करवाएं।
प्रोस्टेट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन यदि इसका जल्दी पता चल जाए तो इसका सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। यदि आपको उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
– हर साल भारत में लगभग 1.1 लाख पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का पता चलता है और लगभग 25,000 पुरुषों की इस बीमारी से मृत्यु हो जाती है।
– प्रोस्टेट कैंसर का जल्दी पता लगाने और इलाज करने से मृत्यु दर को काफी कम किया जा सकता है।
यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। यदि आपको कोई चिंता है, तो कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।