ऑस्टियोपोरोसिस तब होता है जब नई हड्डी के गठन और पुरानी हड्डी के पुनरुत्थान के बीच असंतुलन होता है। शरीर पर्याप्त नई हड्डी बनाने में विफल हो सकता है। हड्डी के सामान्य गठन के लिए दो आवश्यक खनिज कैल्शियम और फॉस्फेट हैं। पूरे युवाकाल में, शरीर हड्डियों का उत्पादन करने के लिए इन खनिजों का उपयोग करता है।यदि कैल्शियम का सेवन पर्याप्त नहीं है या यदि शरीर आहार से पर्याप्त कैल्शियम को अवशोषित नहीं करता है, तो हड्डियों का उत्पादन और हड्डी के ऊतकों को नुकसान हो सकता है। इस प्रकार, हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप नाजुक और भंगुर हड्डियां आसानी से टूट सकती हैं। हड्डियां की कमजाेरी की इस अवस्था काे ऑस्टियोपोरोसिस राेग कहा जाता है।
त्वचा में रुखापन, ऑस्टियोपोरोसिस, हड्डी में बार-बार फ्रैक्चर, ज्यादा कमी से अंगुलियां के सुन्न होने की समस्या, हृदय की धड़कनें असामान्य, शरीर में लगातार थकावट, हाथ और पांव में दर्द रहना, कमर में दर्द की शिकायत होने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के लिए अपने आहार में भरपूर मात्रा में कैल्शियम का सेवन करें।नवजात बच्चों और किशोरों को कैल्शियम की सबसे ज्यादा जरूरत होती है व उन्हें कैल्शियम की 60 प्रतिशत मात्रा भोजन के माध्यम से मिल जाती है, इसलिए उनका आहार कैल्शियम से भरपूर होना चाहिए। युवाओं और 21 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में कैल्शियम की मात्र 20 प्रतिशत मात्रा भोजन के माध्यम से शरीर में पहुंच पाती है इसलिए उन्हें कैल्शियम के लिए सप्लीमेंट्स पर निर्भर रहना पड़ता है।
मैगनीशियम : शरीर में कैल्शियम को एब्जोर्ब करने और संरक्षित रखने में सहायक होता है
विटामिन डी : सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व जो शरीर में कैल्शियम को एब्जोर्ब करने और खून में नियंत्रित करने में मदद करता है।
विटामिन के : शरीर के कैल्शियम को नियंत्रित करने में मदद करता है और
हड्डियों को मजबूत बनाता है।
इनको कहें ना
शराब, नमक, रेड मीट, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक खून में हड्डियों के लिए जरूरी कैल्शियम के स्तर को घटा सकते हैं।