मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी के निर्देशानुसार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा, वृत्ताधिकारी निरंजन चारण के निर्देशन में पुलिस निरीक्षक अजयसिंह राव के नेतृत्व में चार टीम गठित कर विहान की तलाश के लिए नयागांव पहुंचे। विहान की काफी तलाश करने पर रात्रि में कोई पता नहीं चला। पुलिस दल ने मंगलवार सुबह में नयागांव पहुंच विहान के संबंध मे जानकारी जुटाई एवं ग्रामीणों की मदद से आस पास तलाश की गई। लेकिन कोई पता नहीं चलने पर सभी टीम सम्मिलित कर पुलिस निरीक्षक राव के नेतृत्व में पुन: तलाश की गई।
नयागांव के पूरे क्षेत्र की तलाशी के दौरान गांव के पश्चिम दिशा में सागवान के जंगल मे तलाश करने पर एक बहुत पुराने गहरे कुएं में मासूम विहान का शव मिला। शव की पहचान गुमशुदा बालक नयागांव निवासी विहान पुत्र जगदीश पाटीदार के रूप में की गई। विहान का शव मिलने पर पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी एवं वृत्ताधिकारी निरंजन चारण घटनास्थल पर पहुंचे। शव को कुएं से बाहर निकाल सागवाड़ा के राजकीय चिकित्सालय में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करा परिजनों को सुपुर्द किया।
उक्त घटनास्थल गांव से करीब एक किमी पश्चिम दिशा मे दुर्गम जंगल में था। जंगल में कुंआ कई वर्षों से अनुपयोगी पड़ा था। इस कुएं के बारे में गांव के बुजुर्गों तक को भी पता नहीं था। विहान की हत्या का अंदेशा होने से पुलिस ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तकनीकी एवं परिजनों से पूछताछ तथा सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट में बालक के मोबाइल लेकर जाने से मोबाइल की अंतिम लोकेशन का अध्ययन करने पर पता चला कि विहान के घर से निकलने के तुरंत बाद दादी नयागांव निवासी गंगा (55) पत्नी दलजी पाटीदार के निकलना सामने आया। विहान की दादी गंगा पाटीदार से गहन पूछताछ की गई। तकनीकी साक्ष्यों एवं घटना के आधे घंटे बाद तक मोबाइल के चालू रहने तथा बाद में मोबाइल के बंद होने, माया पाटीदार के मोबाइल घर से गायब होने पर अनुसंधान में गंगा अपने पोते विहान को कुएं में धकेलकर हत्या करना पाया।
बालक विहान पाटीदार स्वयं के पुत्र जगदीश पाटीदार की संतान नहीं होकर बहु माया पाटीदार के पूर्व पति की संतान होना तथा माया की ओर से जगदीश के साथ नाता विवाह के दौरान माया के पुत्र विहान को नयागांव साथ में लाने से गंगा के मन में ईष्र्या भाव था। गंगा के मन में यह भाव था कि दूसरे का पुत्र संपत्ति में हिस्सेदार बनेगा तथा विहान के रहने से माया दूसरी संतान को जन्म दे या नहीं दे इस बात की भी आशंका थी। इन सब बातों को लेकर गंगा कुंठित थी। इस वजह से उसने विहान पाटीदार के साथ पिछले चार-पांच माह में प्रेम जाहिर कर उसका विश्वास जीतकर झाडिय़ां काटने के बहाने कुएं की तरफ ले जाकर धक्का देकर हत्या कर दी।
दादी गंगा पाटीदार को पता था कि नाता विवाह के दौरान एक समझौता हुआ था जिसमें विहान ही सम्पत्ति का मालिक रहेगा। गंगा ने विहान का विश्वास जितने के लिए बहुत प्रयास किए जिसमें वह सफल भी रही। विहान को अपनी दादी पर पूर्ण विश्वास हो गया तब गंगा ने एक किमी दूर कुएं के पास ले जाकर घटना को अंजाम दिया। गंगा का एक पुत्र नटवर के भी कोई पुत्र नहीं हैं जिसके कारण सम्पत्ति का मालिक विहान ही बनने वाला था।