सात समंदर पार बढ़ाया देश का मान, नहीं बिसराई माटी की सुगंध
वागड़ अंचल से ऐसे कई लोग हैं जो बरसों से विदेशों में जा बसे हैं, लेकिन उनका दिल आज भी हिन्दूस्तान के लिए धड़कता है। अपनी मेहनत और कार्य कुशलता के दम पर ये लोग विदेशों में भी व्यावसायिक और सामाजिक गतिविधियों में सिरमौर बने हुए हैं।
डूंगरपुर
Updated: January 09, 2020 07:30:17 pm
सात समंदर पार बढ़ाया देश का मान, नहीं बिसराई माटी की सुगंध
डूंगरपुर के कई लोग विदेशों में बढ़ा रहे वागड़ का गौरव
- व्यवसाय और सामाजिक सरोकारों से पाया विशिष्ट मुकाम
एनआरआई दिवस पर विशेष
डूंगरपुर.
भारतीय व्यक्ति चाहे कहीं भी रहे, वहां अपनी विशिष्ट कार्यशैली और सद्व्यवहार से सभी का दिल जीत लेता है। साथ ही देश की मिट्टी की सुगंध को नहीं बिसरा पाता। वागड़ अंचल से भी ऐसे कई लोग हैं जो बरसों से विदेशों में जा बसे हैं, लेकिन उनका दिल आज भी हिन्दूस्तान के लिए धड़कता है। अपनी मेहनत और कार्य कुशलता के दम पर ये लोग विदेशों में भी व्यावसायिक और सामाजिक गतिविधियों में सिरमौर बने हुए हैं। अप्रवासी भारतीय दिवस (एनआरआई) पर विशेष रिपोर्ट. . ।
भारत बनेगा आर्थिक शक्ति
डूंगरपुर जिले के जसैला गांव के अशोक भट्ट वर्ष १९८२ से अमरीका के कैलिफोर्निया राज्य में निवासरत हैं। अशोक भट्ट कैलिफोर्निया के होटल बिजनेस और राजनीतिक क्षेत्र में एक जाना पहचान नाम बन चुका है। भट्ट कैलिफोर्निया राज्य के वाटर कमीशनर और पब्लिक युटिलिटी कमीशन के वाईस प्रेसीडेंट रह चुके हैं। इसके अलावा कैलिफोर्निया के इंटरनेशनल प्रोटोकॉल बोर्ड के सदस्य भी हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान पहली बार एनआरआई सम्मेलन का हिस्सा रह चुके भट्ट बतातेे हैं कि भारत आर्थिक दृष्टि से तेजी से प्रगति कर रहा है, हम उसे आर्थिक शक्ति के रूप में देखना चाहते हैं। अमरीका में अप्रवासी भारतीयों की मदद के लिए हरदम तैयार रहने वाले भट्ट का वागड़ के आज भी उतना ही लगाव है।
डूंगरपुर में औद्योगिक विकास के लिए प्रयासों की दरकार
सागवाड़ा क्षेत्र के खुंटवाड़ा गांव के रहने वाले रमेशभाई पाटीदार खादी देश बेहरीन में अप्रवासी वागड़वासियों के साथ ही स्थानीय लोगों के बीच भी बहुत लोकप्रिय नाम है। वहां निवासरत राजस्थानी समाज के वाईस प्रेसीडेंट रमेशभाई वहां भारतीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं। रक्षा, रोजगार या दूतावास से जुड़े कामों में लोगों की मदद करते हैं। मूलत: कंस्ट्रक्शन बिजनेस से जुड़े पाटीदार वर्ष २०१४ से १८ तक बेहरीन के चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्य भी रहे। वर्तमान में बेहरीन इंडिया सोसायटी के सदस्य हैं। साथ ही सन मिडिल इस्ट गु्रप के डायरेक्टर हैं। इसके अलावा एशियाई देशों के अप्रवासियों के संगठन एसीआर में भी सदस्य हैं। उन्होंने गत दिनों क्लीन आबूरोड़ कैम्पेन भी चलाया था। रमेशभाई बताते हैं कि भले बरसों बीत गए परदेश में लेकिन देश की मिट्टी की सुगंध आज भी जहन में है। वागड़ अंचल में विकास के लिए बहुत सारी योजनाएं हैं, उन्हें पूरा करने के लिए प्रयास भी चल रहे हैं। डूंगरपुर में औद्योगिक विकास तथा गृह उद्योग को लेकर गत दिनों डूंगरपुर कलक्टर आलोक रंजन से चर्चा भी की थी। डूंगरपुर में नेचुरोपैथी का बड़ा सेंटर भी स्थापित करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
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पिता-पुत्री ने रची कामयाबी की इबारत
डूंगरपुर. सागवाड़ा मूल के ही मोहम्मद दादाभाई और उनकी पुत्री बतुल दादाभाई ने बेहरीन में रहते हुए अपनी मेहनत और लगन से व्यवसायी प्रगति को नई ऊंचाइयां दी हैं। मोहम्मद दादाभाई के पिता की बेहरीन में छोटी सी खिलौनों की दुकान थी। पहले मोहम्मद ने और बाद में उनकी बेटी बतुल ने इस व्यवसाय को बुलंदियों पर पहुंचाया। वर्तमान में उनके प्रतिष्ठानों पर 100 वागड़ वासी रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा भी वागड़वासियों के हितों की रक्षा के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं।

सात समंदर पार बढ़ाया देश का मान, नहीं बिसराई माटी की सुगंध
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