इससे धाम में तीन सौ ज्यादा श्रद्धालु फंस गए। गुजरात से मेवाड़ा क्षेत्र का कोडियागुण डेम ओवर फ्लो होने के बाद इसके पानी के बहाव में एक प्रौढ़ की बहने से मौत हो गई है।
सोम नदी का पानी साबला मार्ग पर बने पुल पर सुबह एक फीट बह रहा था। दोपहर को पानी के इसी बहाव में केसरियाजी से आए तीर्थयात्रियों की दो बसें और कुछ अन्य वाहनों के जरिए श्रद्धालु धाम पर पहुंच गए।
शाम चार बजे सोमकमला से छोड़े पानी से सोम नदी का जलस्तर बढ़ गया और देखते ही देखते तीनों पुलों पर पानी का स्तर चार से पांच फीट पहुंच गया। इसी दौरान एक जीप चालक ने साबला पुल पर जीप उतार दी।
आधे रास्ते पहुंचने तक पानी का बहाव बढ़ गया और जैसे-तैसे जीप सुरक्षित निकल पाई। सभी श्रद्धालु धाम पर सुरक्षित हैं और पुलिस ने इनके रहने की व्यवस्था वहीं धर्मशाला में की है। बांध छलका
प्रतापगढ़ जिले में तेज बारिश का दौर सोमवार को भी जारी रहा। जिले भर में बारिश से नदी-नाले उफान पर रहे। वहीं सबसे बड़ा जाखम बांध 31 मीटर भरकर छलक गया है। वहीं कई खेतों में पानी भरा हुआ है। इससे फसलों में नुकसान हो गया है। जिल के एमपी सीमा पर बने शिवना नदी पर एनिकट में नुकसान पहुंचा है।
प्रतापगढ़ जिले में तेज बारिश का दौर सोमवार को भी जारी रहा। जिले भर में बारिश से नदी-नाले उफान पर रहे। वहीं सबसे बड़ा जाखम बांध 31 मीटर भरकर छलक गया है। वहीं कई खेतों में पानी भरा हुआ है। इससे फसलों में नुकसान हो गया है। जिल के एमपी सीमा पर बने शिवना नदी पर एनिकट में नुकसान पहुंचा है।
यहां एनिकट के उपरी भाग का डेढ़ फीट का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां पानी पूरे वेग से बह रहा है। सोमवार सुबह आठ बजे तक गत 24 घंटों में प्रतापगढ़, पीपलखूंट, अरनोद में पौने चार इंच बारिश हुई।
सभी बांध लबालब हो गए है। यहां सोमवार को जाखम बांध भी छलक गया। फसलों में नुकसान का सर्वे कराने को लेकर किसानों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपे है।