भिलाई से लगे उतई मुक्तिधाम में शुक्रवार को दोपहर बाद 6 शव लेकर भिलाई इस्पात संयंत्र का ट्रक पहुंचा। यह देख क्षेत्र के लोगों में दहशत व्याप्त हो गया। लोग इसका विरोध करने आगे आए। वे तर्क दे रहे थे कि रिहायशी इलाके के बीच होने की वजह से यहां इस तरह से कोरोना संक्रमित के शव को लाकर अंतिम संस्कार नहीं किया जाए। इसकी शिकायत स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू से भी की है। वे चाहते हैं जो गांव आउटर में हैं वहां इस तरह से एक साथ शव लाकर अंतिम संस्कार किया जाए। शव को बिना जानकारी के भेजने की वजह से कर्मियों की व्यवस्था करने में देरी हुई। इसकी वजह से अंतिम संस्कार से पहले करीब दो घंटे तक शव ट्रक में ही रखा रहा। नगर पंचायत उतई के अध्यक्ष डी डिहवानी ने कहा कि रिहायशी इलाके में बने मुक्तिधाम में कोरोना संक्रमित शव के अंतिम संस्कार से लोगों में दहशत है। इससे कोरोना यहां फैलने की आशंका भी है।
लाल बहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल, सुपेला के वार्डों में इन दिनों बड़ी संख्या में सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत लेकर मरीज दाखिल हो रहे हैं। शुक्रवार को भिलाई-तीन से एक मरीज को लेकर परिजन पहुंचे। उसे जल्दी से वार्ड में दाखिल किया गया। स्टाफ नर्स उसे ऑक्सीजन लगाने के काम में जुटी थी, कि तभी उसने दम तोड़ दिया। नए वार्ड में करीब घंटेभर शव रखा रहा। परिवार के सदस्य चाहते थे कि उसे मरच्यूरी में शिफ्ट किया जाए। जिससे वे शनिवार को अंतिम संस्कार कर सके। शव वार्ड के अंतिम बेड में रखा हुआ था, जिसके आसपास करीब आधा दर्जन मरीज मौजूद थे। जिसमें अधिकतर सांस लेने की तकलीफ की वजह से दाखिल हुए थे। इन सभी को ऑक्सीजन लगा हुआ था। शव को वहां से किसी दूसरे जगह शिफ्ट करने के लिए अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ की कमी है। जिसकी वजह से जब तक कागजी कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक शव को मरीजों के बीच में ही रख दिया जाता है।