मृतक की पत्नी दो दिन पहले ही तीज पर्व मनाने मायके गई थी। पति की दीर्घायु का व्रत पूरा करके जब मायके से लौटी तो तारेन्द्र नशे में धुत था। पत्नी को देखते ही वह बड़बड़ाने लगा। विवाद बढऩे पर तारेन्द्र ने पत्नी व तीनो बच्चों को हमेशा की तरह घर से बाहर निकाल दिया था।
महिला चलाती थी घर
तारेनद्र बेरोजगार था और परिवार का जिम्मा पत्नी पर था। वह घरों में काम करती थी। तारेन्द्र को परिवार वालों ने शराब छोडऩे के लिए कई बार दबाव भी बनाया था, लेकिन वह किसी की बात नहीं सुनता था।
शराब के नशे में पत्नी से झगड़ा करके घर से निकाल देता था पुलिस के मुताबिक मृतक शराब का आदी था।
अक्सर नशे में पत्नी से विवाद कर उसे घर से निकाल देता था। नशा उतरने पर वह खुद दरवाजा खोलता और घर के बाहर बैठी पत्नी व बच्चों को प्रेम से भीतर ले जाता। शुक्रवार की रात घर के बाहर मृतक की पत्नी बच्चों को लेकर यही सोचकर बैठी रही। लेकिन जब बहुत देर हो गई तब उसने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा खुलवाया। वहां तारेंद्र फंदे पर लटक रहा था।