@Patrika उन्होंने कहा कि दूसरों की प्रशंसा सहन न होना भी अंदर की गंदगी है। हम अपनी प्रशंसा बार बार सुनने को उत्सुक रहते हैं। दूसरों को सहन करने में हमें वैचारिक और मानसिक तकलीफ होती है। निकट के संबंधों में संयोग में हमारी भाषा, भाव और आकृति बदल जाती है। भाव जगत को बदलकर विचारों की गंदगी को खत्म करने पुरूषार्थ जरूरी हैं। संकल्प शक्ति से भाव जगत बदला जा सकता है।
@Patrika चातुर्मास आयोजक समिति के संयोजक मनीष बोथरा, श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष कांतिलाल बोथरा ने सभा में 11 उपवास करने वाले संजय जैन का सम्मान किया। महिला वर्ग में उपवास करने वाली प्रीति का सम्मान भी किया गया। इसके अलावा राजनांदगांव के समाज सेवी किशन भाई का भी सभा में सम्मान किया गया। @Patrika