जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठक अध्यक्ष देवेंद्र देशमुख की अध्यक्षता में शनिवार को हुई। बैठक में सदस्य रूपेश देशमुख और मनीष चंद्राकर ने मनरेगा में फर्जीवाड़ा का मुद्दा उठाया। सदस्यों ने बताया कि ग्राम पंचायत अंडा में फर्जीवाड़ा कर मजदूरों के खाते में राशि डाली गई और अब राशि वापस करने मजदूरों पर दबाव बनाया जा रहा है। मामले में संबंधित रोजगार सहायक की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। सदस्यों ने मामले में छह माह बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर सवाल खड़ा किया। इस पर जनपद के अफसरों ने मामले को कार्रवाई के लिए जिला पंचायत को भेज देने का हवाला देकर टालने का प्रयास किया। इससे सदस्य नाराज हो गए। सदस्यों ने जनपद पंचायत के अफसरों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए रोजगार सहायक गोवर्धन जोशी को बर्खास्त करने का प्रस्ताव पारित कर जिला पंचायत को भेजने का फैसला किया। बैठक में झमित गायकवाड, टिकेश्वरी देशमुख, राकेश हिरवानी, सरस्वती सेन, हरेंद्र धृतलहरे, कृष्णमूर्ति यादव, डोमन भारती, हीरमनी देशमुख मौजूद थे।
बैठक में सदस्यों ने गर्मी को देखते हुए मनरेगा का कार्य अब सुबह 6 से दोपहर एक बजे तक संचालित करने का निर्णय लिया। बैठक में मनरेगा के कार्यों पर भी चर्चा हुई। सदस्यों का कहना था कि जिले में मनरेगा में केवल मिट्टी कार्य हो रहा है जबकि अन्य जिलों में अन्य निर्माण कार्य भी किए जा रहे हैं। बैठक में 15 वें वित्त आयोग के तहत विकास योजना पर भी चर्चा की गई। प्रावधान के अनुसार मद की 15 फीसदी राशि पंचायतों को जनसंख्या के अनुपात के आधार पर दिया जाता है। सदस्यों ने बैठक में इसी तर्ज पर जनपद पंचायत को मिलने वाली राशि को वितरण का प्रस्ताव रखा। इसमें कुछ सदस्यों ने असहमति भी जताई, लेकिन अंतत: बहुमत के आधार पर इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर लिया गया।