प्रपोजल के मुताबिक पद्मनाभपुर, आदित्य नगर सहित पटरीपार के कादंबरी नगर, कैलाश नगर, सिंधिया नगर, कर्मचारी नगर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी नगर, विजय नगर, शंकर नगर क्षेत्रों में सीवेरेज सिस्टम डेवलप किया जाएगा। इनमें से पद्मनाभपुर और आदित्य नगर में काम शुरू किया गया, लेकिन कुछ दिन बाद ही यह बंद हो गया।
बजट के बाद सीवरेज लाइन डेवलप करने के प्लान को एमआइसी में रखा गया था, जिसे सहमति भी मिल चुकी है। बैठक में विशेष परेशानी की स्थिति में चरणबद्ध काम करने पर भी सहमति बनी थी। साथ ही अलग-अलग इलाकों के लिए अलग-अलग प्लान बनाने का भी निर्णय किया गया था, लेकिन काम आगे नहीं बढ़ा।
निगम के अफसरों के मुताबिक पुराने कस्बाई बसाहट प्लान में सबसे बड़ी परेशानी बन रही है। प्रस्तावित इलाकों में सघन बस्ती के अलावा पुरानी पाइप लाइन भी है। यहां लाइन बिछाने के लिए न सिर्फ बड़ी संख्या में लोगों के निर्माण हटाने पड़ेंगे, बल्कि पाइप लाइन भी डिस्टर्ब होगा।
शिवनाथ नदी दुर्ग भिलाई सहित 6 नगरीय निकायों और 100 गांवों के लोगों की प्यास बुझती है। इसके अलावा निस्तारी भी होती है। शिवनाथ में पुलगांव और शंकर नाला से दुर्ग की कॉलोनियों से निकलने वाला सीवरेज का पानी और भिलाई के कोसानाला से सीवरेज के साथ बीएसपी का केमीकलयुक्त पानी मिलता है। इससे दुर्ग-भिलाई से लेकर धमधा तक नदी प्रदूषण की चपेट में हैं।
पार्षद राजेश शर्मा ने बताया कि सीवरेज सिस्टम का काम आधा-अधूरा छोड़कर ठेकेदार गायब हो गया है। निगम ने ठेकेदार पर कार्रवाई के बजाए नोटिस जारी कर खानापूॢत कर ली। अब अमृत मिशन के तहत काम कराने की बात कही जा रही है, लेकिन यह काम भी आगे नहीं बढ़ रहा।
लोककर्म प्रभारी दिनेश देवांगन ने का कहना है कि सीवरेज सिस्टम तैयार करने का प्रस्ताव है, लेकिन अभी इसमें कुछ परेशानियां हैं। जल्द इस पर काम शुरू किया जाएगा।