कलेक्टर ने इससे पहले मंगलवार को कई व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों की अलग-अलग बैठक की और लॉकडाउन के संबंध में चर्चा की। इनमें चेम्बर ऑफ कामर्स, कैट और अन्य सामग्री व सब्जी विक्रेता संघों के प्रतिनिधि शामिल थे। जानकारी के मुताबिक चेम्बर ऑफ कामर्स के प्रतिनिधियों ने लॉकडाउन हटाने की वकालत की। वहीं छोटे व्यापारिक संगठनों खासकर सब्जी व फल विक्रेताओं ने आंशिक अथवा फेरे लगाकर सामग्री वितरण की अनुमति का प्रस्ताव रखा। इसके बाद भी अधिकतर प्रतिनिधि लॉकडाउन को बिना रियायत बढ़ाने के पक्षधर थे। इसके बाद कलेक्टर ने लॉकडाउन को 19 अप्रैल तक बढ़ाने का फैसला किया। मंगलवार को दोपहर इस संबंध में विस्तृत गाइड लाइन जारी किया गया।
इधर लॉकडाउन के पक्ष में सोशल मीडिया में भी मुहिम चलाई जा रही थी। जिसमें लोग कोरोना संक्रमण को देखते हुए बिना रियायत लॉकडाउन को बढ़ाने की मांग कर रहे थे। कई लोगों ने मुख्यमंत्री व कलेक्टर के नाम मांगपत्र भी सोशल मीडिया में शेयर किए थे। हालांकि सोशल मीडिया में लॉकडाउन को हटाने संबंधी मांग भी चल रही थी।
हालांकि इससे पहले तक लॉकडाउन बढ़ाने के साथ नवरात्रि को देखते हुए फल वालों को कुछ घंटों के लिए दुकानें खोलने की अनुमति दिए जाने की उम्मीद लगाई गई थी। इसके अलावा सब्जी व्यवसायियों को भी राहत की उम्मीद की जा रही थी। व्यापारी संगठनों ने इसकी मांग भी की थी, लेकिन प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए इन्हें भी राहत देने से इनकार कर दिया।