राष्ट्रीय मानव अधिकार (Human rights) और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) ने 2017 में विभाग को पूर्णकालिक अधीक्षक रखने पत्र जारी किया था। संप्रेक्षणगृह में अपचारियों (delinquent) के साथ मारपीट के मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग ने सात संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त करने के बाद उनकी जगह विभाग में पदस्थ अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। (Durg news)
2016 में प्रभारी अधीक्षक कमलेश पटेल को पैसे मांगने की शिकायत पर जिले से बाहर भेज दिया। प्रभार महिला एवं बाल विकास अधिकारी आरके जामुलकर को दिया गया। एक अपचारी की हत्या के बाद 2018 में सुमीत गढऱेचा को प्रभारी बनाया।
बाल संपे्रक्षण गृह का संचालन पहले पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग करता था। 2015 में जेजे एक्ट बनने और 2016 में आदर्श नियमावली का प्रकाशन होने के बाद संचालन का दायित्व महिला एवं बाल विकास विभाग को दिया गया। नियमानुसार यहां कार्य करने वालों को जेजे एक्ट का ज्ञान होना चाहिए।
एक्ट में उल्लेख है कि बाल संप्रेक्षण गृह, प्लेस ऑफ सेफ्टी और विशेष गृह अलग अलग हो। तीनों सेल का परिसर व आवागमन की सुविधा अलग हो। बाल संप्रेक्षण गृह में तीनों ही सेल एक साथ है। (Durg news)