यह मामला जिले के डौंडीलोहारा विकासखंड के ग्राम बडग़ांव का है, जहां को ओडीएफ (ODF) बनाने के लिए कुछ भी आदेश दिया गया। यहां जनपद और ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने मिलकर पहले तो ग्रामीणों को डराया कि शौचालय नहीं बनाओगे तो राशन कार्ड काट दिया जाएगा। ग्रामीणों ने कर्ज लेकर शौचालय (toilet)तो बना दिया पर शौचालय की प्रोत्साहन राशि आज तक नहीं मिली है। अब ग्रामीण जिला कलेक्टोरेट आकर शौचालय की प्रोत्साहन राशि दिलाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि गांव के सरपंच ने कर्ज चुकाने सोने-चांदी बेचने की बात को गलत बताया है। (Durg news)
ग्रामीण हितग्राही राही बाई ने बताया कि वह शौचालय निर्माण के लिए उधार लेकर शौचालय बनाया, पर जिनसे उधार लिया था, वे तंग कर रहे हैं। मजबूरी में अपनी ऐंठी व चांदी के जेवर तक बेच दिए हैं और कर्ज चुकाया। वहीं महिलाओं ने गांव के सरपंच पर भी आरोप लगाया है कि उन्होंने शौचालय बनाने दबाव डाला और कहा कि, जो शौचालय नहीं बनाएगा, उसका राशन कार्ड काट दिया जाएगा। उनकी इस धमकी के बाद उन्होंने मजबूरी में कर्ज लेकर शौचालय बनाया। राशि की मांग करने वालों में गांव के राही बाई, हरिन बाई, निर्मल, अंकलहीन बाई, एवन बाई, संतरी, ललिता, उतरा, केकती, चमेली, गोदावरी, सुकारू, सीता बाई आदि उपस्थित रही।
इधर ग्राम पंचायत बडग़ांव के सरपंच दीपक ठाकुर ने बताया कि उनके ऊपर जो आरोप महिलाओं ने लगाया है, वह गलत है। शौचालय बनाने के बदले गांव के 150 हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि दी जानी है। अपने पास मात्र 80 हितग्राहियों को देने लायक ही राशि है। शासन की ओर से धीमी कार्रवाई से राशि भेजी जा रही है। अन्य हितग्राहियों की राशि आने पर एक साथ राशि देने की योजना थी। रही बात बकरा और सोने-चांदी के जेवर बेचकर कर्ज चुकाने की, मुझे नहीं लगता गांव में इस तरह की स्थिति निर्मित हुई हो। हालांकि महिलाएं ये बात जरूर बोल रही है।
यह सुनने में जरूर अटपटा लगा रहा होगा कि कर्ज चुकाने के लिए सोने-चांदी के जेवरात और बकरा तक बेच दिए पर यह बिल्कुल सही है। ग्राम बडग़ांव की ग्रामीण अंकलहिन बाई ने बताया कि दो साल पहले ही गांव में शौचालय का निर्माण कराया था। ग्राम व जनपद पंचायत ने शौचालय अनिवार्य किया था। फिर आनन-फानन में जिनके पास रुपए नहीं थे, उन्होंने कर्ज लेकर शौचालय बनाया। शौचालय बनाने मिलने वाली प्रोत्साहन राशि नहीं मिली। अब तक जिनसे कर्ज लिया है वह बार-बार पैसा मांग रहे हंै तो हताश होकर बकरा बेच दिया। (Durg news)