scriptइस गांव के युवाओं ने बंजर जमीन पर पेड़ लगाकर कमाए हजारों रुपए, रंग लाई जहां सोच वहां हरियाली की मुहिम | Youth of Mahmara village in Durg planted saplings on barren land | Patrika News
दुर्ग

इस गांव के युवाओं ने बंजर जमीन पर पेड़ लगाकर कमाए हजारों रुपए, रंग लाई जहां सोच वहां हरियाली की मुहिम

पेड़ पौधें लगाओ जीवन बचाओ का नारा लेकर महमरा गांव के युवाओं ने दो साल पहले मुहिम शुरू की थी। युवाओं ने अपनी मेहनत के बूते आज खाली जमीन को आंखों को सुकून देने वाली एक खूबसूरत उपवन में बदल दिया है। (one home one tree campaign in chhattisgarh)

दुर्गJul 06, 2020 / 11:14 am

Dakshi Sahu

इस गांव के युवाओं ने बंजर जमीन पर पेड़ लगाकर कमाए हजारों रुपए, रंग लाई जहां सोच वहां हरियाली की मुहिम

इस गांव के युवाओं ने बंजर जमीन पर पेड़ लगाकर कमाए हजारों रुपए, रंग लाई जहां सोच वहां हरियाली की मुहिम

दुर्ग. युवा चाहे तो पत्थर पिघला दे, युवा चाहे तो नदी की धारा मोड़ दे और अगर युवा चाहे तो बंजर धरती को उपवन में बदल दे। अपने प्रयास से ऐसा ही बड़ा कारनामा कर दिखाया है महमरा गांव के युवाओं ने। पेड़ पौधें लगाओ जीवन बचाओ का नारा लेकर महमरा गांव के युवाओं ने दो साल पहले मुहिम शुरू की थी। युवाओं ने अपनी मेहनत के बूते आज खाली जमीन को आंखों को सुकून देने वाली एक खूबसूरत उपवन में बदल दिया है।
महमरा के युवाओं को एहसास हुआ कि शहरीकरण और औद्योगिकरण से विकास तो हुआ मगर पेड़-पौधे कम होने लगे हैं। लहलहाते खेतों की जगह आसमान छूती इमारतें बनने लगीं। पेड़ों को बड़ी निर्दयता से काटा जा रहा है, ये चिंता लेकर कर महमरा के युवा गंगा प्रसाद रोजगार सहायक के पास पहुंचे। फिर सरपंच खेमेश्वरी निषाद और अन्य पंचों और ग्रामीणों का भी साथ मिला। अतिक्रमित जमीन को कब्जा मुक्त कर वहां वृक्षारोपण करने के लिए का ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित किया गया।
सरकारी मदद से रोपे 300 पौधे
जब युवाओं ने वृक्षारोपण की ठानी तो उनके इस प्रयास को शासन-प्रशासन का भी साथ मिला। वृक्षारोपण कार्य के लिए मनरेगा मद से 4 लाख 32 हजार रुपए मंजूर किए गए। जिससे श्रमिकों को मजदूरी भुगतान किया गया। जुलाई 2017 में काम शुरू हुआ और 0.30 हेक्टेयर में मिश्रित प्रजाति के 300 पौधे रोपे गए। सप्ताह में एक बार कीटनाशक का छिड़काव भी करवाया गया। मनरेगा के माध्यम से फैन्सिग और पंचायत का पम्प मिला पौधों को पानी देने के लिए।
पेड़ लगाया और पैसा भी कमाया
इस तरह गांव के युवाओं को काम भी मिल गया। बीरबल निषाद जो यहां काम करते हैं उन्होंने बताया कि उनको मनरेगा के माध्यम यह काम मिला। पेड़ पौधे लगाकर पुण्य भी कमाया और घर चलाने के लिए रुपए भी कमाए। बीरबल ने इस पूरे दिल से पौधों की देखभाल की काम किया। बीरबल का कहना है काम करते-करते उनको इन पौधों से लगाव सा हो गया है ये अपने लगते हैं।
रोजगार सहायक गंगा प्रसाद भी जी जान से लगे हैं इन पेड़ पौधों की रक्षा में। यहां पर सीताफल, अमरूद, करौंदा, नीम, गुलमोहर के भी पौधे लगाए गए हैं। आज ये जगह इतनी खूबसूरत हो गई है कि अब पथिक भी नजारा देखने रुक जाते हैं। गांव के पुनि ठाकुर, कुलेश्वरी निषाद, बिमला ठाकुर, धर्मेंद्र निषाद और नर्मदा निषाद बताते हैं सड़क के पास होने से पहले धूल प्रदूषण था अब वो भी कम होने लगा है।
शामिल होंगे वन होम वन ट्री अभियान में
ग्रामीणों ने अब पेड़ पौधों का महत्व समझ लिया है। इसलिए वो अब नहीं रुकेंगे। वे जानते हैं कि जीवन के लिए वृक्ष कितने जरूरी हैं। इसलिए सबने शपथ ली है कि वे 6 जुलाई को पौधा जरूर लगाएंगे। प्रगति और पर्यावरण का संतुलन जरूरी है।
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