1- भारत में संचार क्रांति (Telecom Revolution) का जनक भले राजीव गांधी को माना जाता हो लेकिन उसे आम लोगों तक पहुंचाने का काम अटल जी ने किया था। साल 1999 में वाजपेयी जी ने बीएसएनएल के एकाधिकार को ख़त्म करते हुए नई टेलिकॉम नीति लागू कर दी। इस फैसले के बाद ही लोगों को सस्ती दरों पर फ़ोन कॉल्स करने का फ़ायदा मिला।
2- सर्व शिक्षा अभियान वाजपेयी के कार्यकाल में ही शुरू किया गया था।इस अभियान में 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ़्त शिक्षा देने का ऐलान किया गया था। अटल जी ने ये स्कीम 2000-01 के कार्यकाल में शुरू किया था।
3- लाहौर बस सेवा की शुरुआत अटल बिहारी वाजपेयी ने ही की थी। वे हमेशा पाकिस्तान से बेहतर रिश्ते की बात करते थे।फरवरी, 1999 में उन्होंने दिल्ली-लाहौर बस सेवा की शुरूआत हुई थी। पहली बस सेवा से वाजपेयी खुद लाहौर गए और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ मिलकर लाहौर दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए।
4- जॉन अब्राहम की एक फिल्म आई थी परमाणु। इस फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे देश को परमाणु परीक्षण में सफलता मिली थी। दरअसल, ये परीक्षण अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में ही हुआ था। वाजपेयी का मानना था कि हमें हमारी सुरक्षा का पूरा अधिकार है। इसी के तहत मई 1998 में भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। ये 1974 के बाद भारत का पहला परमाणु परीक्षण था।
5- स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना (Connecting India) का श्रेय भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है। उन्होंने देश को एक सूत्र में पिरोने के लिए सड़कों का जाल बिछाने का अहम फैसला लिया था, जिसे स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना नाम दिया गया था। उन्होंने चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना लागू की। जिसका लाभ आज पूरे देश को मिल रहा है।
6- अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान देश में निजीकरण को बढ़ावा दिया था। वाजपेयी ने 1999 में अपनी सरकार में विनिवेश मंत्रालय के तौर पर एक अनोखा मंत्रालय का गठन किया था. इसके मंत्री अरुण शौरी बनाए गए थे। शौरी के मंत्रालय ने वाजपेयी जी के नेतृत्व में भारत एल्यूमिनियम कंपनी (बाल्को), हिंदुस्तान ज़िंक, इंडियन पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड और विदेश संचार निगम लिमिटेड जैसी सरकारी कंपनियों को बेचने की प्रक्रिया शुरू की थी।
7- 13 दिसंबर, 2001 को पांच चरमपंथियों ने भारतीय संसद पर हमला कर दिया. ये भारतीय संसदीय इतिहास का सबसे काला दिन माना जाता है।इस हमले में भारत के किसी नेता को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था लेकिन पांचों चरमपंथी और कई सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। इस दौरान अटल जी ही pm थे। भयावह आतंकी हमले के बाद वाजपेयी सरकार ने पोटा क़ानून बनाया, ये बेहद सख़्त आतंकवाद निरोधी क़ानून था, जिसे 1995 के टाडा क़ानून के मुक़ाबले बेहद कड़ा माना गया था।
8- संविधान समीक्षा आयोग का गठन भी अटल के कार्यकाल में ही हुआ था। वाजपेयी सरकार ने संविधान में संशोधन की ज़रूरत पर विचार करने के लिए फरवरी, 2000 को संविधान समीक्षा के राष्ट्रीय आयोग का गठन किया था। इस आयोग का बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था, जिसके बाद वाजपेयी सरकार संविधान को संशोधित करने के काम को आगे नहीं बढ़ा पाई।
9- साल 1999 एचडी देवगौड़ा सरकार ने जातिवार जनगणना कराने को मंजूरी दे दी थी जिसके चलते 2001 में जातिगत जनगणना होनी थी।लेकिन वाजपेयी सरकार ने इस फ़ैसले को पलट दिया। जिसके चलते जातिवार जनगणना नहीं हो पाई।
10- 15 अगस्त 2003 को लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘चंद्रयान 1’ की घोषणा की थी। चंद्रयान 1 भारत का पहला चंद्र मिशन था। इसे 22 अक्टूबर 2008 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया था।