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जन्मदिन विशेष : अन्ना हजारे से जुड़ी ये 10 बातें नहीं जानते होंगे आप, कभी मुंबई के इस स्टेशन पर बेचते थे फूल

साल 1965 में पाकिस्तान की ओर से इंडियन आर्मी पोस्ट पर हुए हवाई फायरिंग में बाल-बाल बचे थे अन्ना हजारे अन्ना हजारे का असली नाम किसान बाबूराव है, उनका जन्म महाराष्ट्र के एक गांव में हुआ था

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Soma Roy

Jun 15, 2019

Anna Hazare birthday

जन्मदिन विशेष : अन्ना हजारे से जुड़ी ये 10 बातें नहीं जानते होंगे आप, कभी मुंबई के इस स्टेशन पर बेचते थे फूल

नई दिल्ली। भारतीय सेना को अपनी सेवाएं देने वाले एवं सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे आज अपना 82वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल की है। अन्ना ने लोकपाल बिल को पास करवाने से लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ तक आवाज बुलंद की थी। उनके इसी जज्बे के चलते देशभर में उनके करोड़ों चाहने वाले हैं। आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको अन्ना से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताएंगे।

1.अन्ना हजारे का जन्म 15 जून सन् 1937 में महाराष्ट्र के भिनगर जगह में हुआ था। उनका असली नाम किसान बाबूराव हजारे है।

2.अन्ना हजारे घर में सबसे बड़े हैं। उनके छह भाई-बहन हैं। मराठी समुदाय में घर के बड़े को अन्ना कहते हैं। इसी के चलते उन्हें अन्ना नाम से बुलाया जाने लगा।

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3.अन्ना शुरू से ही अपने उसूलों के पक्के थे। तभी उन्हें मुफ्त की रोटी तोड़ने का बिल्कुल भी शौक नहीं था। इसीलिए घर की आर्थिक स्थिति सही न होने पर उन्होंने गुजारे के लिए फूल तक बेचे थे। वे मुंबई के दादर रेलवे स्टेशन के बाहर फूल बेचने का काम करते थे।

4.बाद में सन् 1963 में अन्ना ने इंडियन आर्मी ज्वाइन की थी। उस वक्त भारत और चीन का युद्ध हुआ था। जिसमें भारतीय सेना को हार का सामना करना पड़ा था। तब सरकार ने लोगों से भारतीय सेना में शामिल होने की अपील की थी।

5.अन्ना ने भारतीय सेना में करीब 15 साल तक अपनी सेवाएं दी। इसके बाद उन्होंने वॉलियंटरी रिटायरमेंट ले ली थी।

6.मालूम हो कि अन्ना हजारे को अपने सैन्य कार्यकाल के दौरान एक बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ा था। साल 1965 में पाकिस्तान की ओर से इंडियन पोस्ट पर हुए हवाई फायरिंग में अन्ना हजारे बाल-बाल बच गए थे। तब से अन्ना ने एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर खुद को देश की सेवा के लिए समर्पित करने का मन बनाया था।

7.बताया जाता है कि अन्ना हजारे अपने जीवन में स्वामी विवेकानंद से काफी प्रवाहित रहते थे। तभी एक बार नई दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर उन्होंने विवेकानंद की एक किताब पढ़कर अपनी जिंदगी का मकसद तय कर लिया था।

8.अन्ना हजारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानते थे। तभी वे उनके सिद्धांतों पर चलते थे। अन्ना ने बदलाव की शुरुआत सबसे पहले अपने गांव से ही की थी। उन्होंने अपने गांव को मॉडल विलेज बनाने में मदद की थी। उनके इस काम की वजह से उन्हें काफी सराहना मिली थी।

9.अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ भी अपनी आवाज बुलंद की थी। तभी उन्होंने दिल्ली के जंतर-मंतर पर अनशन किया था। वे कई दिनों तक भूखे-प्यासे रहे थे। उनके इस काम को देखते हुए पूरा देश उनके समर्थन में आ गया था। इसके अलावा उन्होंने लोकपाल बिल पास करवाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

10.अन्ना हजारे ने देश की सेवा के लिए खुद का गृहस्थ जीवन नहीं बसाया। वे रालेगढ़ सिद्धि में स्थित संत यादव बाबा मंदिर के पास एक छोटे से कमरे में अकेले ही रहते हैं।