1.फिल्म बॉर्डर’ का डायलॉग “मथुरा दास इससे पहले कि मैं तुझे गद्दार करार देके गोली मार दूं, भाग जा यहां से।” इसने डायलॉग ने प्रशंसकों की खूब वाहवाही लूटी।
2.पंजाब पुलिस के एक अधिकारी का रोल निभाते हुए सनी देओल की फिल्म ‘जो बोले सो निहाल’ का डायलॉग “नो इफ नो बट, सिर्फ जट”। भी बेहद खास डायलॉग रहा है।
3.सनी देओल की फिल्म भिड़ंत का उनका दमदार डायलॉग- जाकर दुम हिलाना, तलवे चाटना, बोटियां फेंकेंगे बोटियां..बलवंत राय के कुत्ते।
4.साल 1997 में आई फिल्म जिद्दी में वो कहते हैं चिल्लाओ मत इंस्पेक्टर, ये देवा की अदालत है, और मेरी अदालत में अपराधियों को ऊंचा बोलने की इजाज़त नहीं।
5.दामिनी फिल्म का मशहूर डायलॉग तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख मिलती गई माई लॉर्ड, पर इंसाफ नहीं मिला। आज भी लोगों को बखूबी याद है।
6.ढाई किलो का हाथ वाला डायलॉग आज भी लोगों की ज़ुबान पर चढ़ा हुआ है जिसमें उन्होने कहा था ‘ये ढाई किलो का हाथ जब किसी पर पड़ता है ना, तो आदमी उठता नहीं, उठ जाता है।
7.फिल्म जीत का उनका डायलॉग भी काफी खास रहा जिसमें उन्होने कहा कि “काजल… तुम सिर्फ मेरी हो.. इन हाथों ने सिर्फ हथियार छोड़े हैं, चलाना नहीं भूले”।
8.फिल्म घातक का मशहूर डायलॉग जिसमें सनी देओल कहते हैं “ये मजदूर का हाथ है कातिया… लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है” और “डराकर लोगों को वो जीता है, जिसकी हड्डियों में पानी भरा होता है।”
9.फिल्म गदर में उनका डायलॉग आपका पाकिस्तान जिंदा बाद है.. इससे हमें कोई ऐतराज नहीं.. लेकिन हमारा हिंदुस्तान जिंदा बाद था, जिंदा बाद है और जिंदा बाद रहेगा” लोगों के मन में देश भक्ति का भाव भर देता है।
10.साल 2013 में आई सनी देओल की मूवी ‘सिंह साहब द ग्रेट का उनका डायलॉग भी खास चर्चा में रहा है जिसमें वो कहते हैं कि बलि हमेशा बकरे की दी जाती है, शेर की नहीं।