scriptजीडीपी के साथ पांच साल के निचले स्तर पर कंज्यूमर कांफिडेंस इंडेक्स | Consumer Confidence Index at five-year low with GDP | Patrika News
कारोबार

जीडीपी के साथ पांच साल के निचले स्तर पर कंज्यूमर कांफिडेंस इंडेक्स

सीसीआई सितंबर महीने में 89.4 पर था, जो गिरकर 85.7 अंक पर पहुंचा
2014 के मुकाबले सीसीआई पहुंच चुका है अपने न्यूनतम स्तर पर
सीसीआई के घटने का मतलब उपभोक्ताओं में निराशा का भाव होना है

नई दिल्लीDec 08, 2019 / 04:55 pm

Saurabh Sharma

Consumer Confidence Index at five-year low with GDP

Consumer Confidence Index at five-year low with GDP

नई दिल्ली। जीडीपी ग्रोथ ( GDP growth ) के आंकड़ों में पिटने के बाद अब देश की सरकार को एक और झटका लगा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( reserve bank of india ) की रिपोर्ट की मानें तो देश के कंज्यूमर के कांफिडेंस में काफी कमी आ चुकी है। आरबीआई ( rbi ) की टर्म के अनुसार कंज्यूमर कांफिडेंस इंडेक्स ( Consumer Confidence Index ) पांच साल के निचले स्तर पर आ गया है। सीसीआई ( CCI ) के घटने का मतलब होता है उपभोक्ताओं में निराशा का भाव होना। आपको बता दें कि हाल ही में दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद ( gross domestic production ) के आंकड़े जारी हुए थे जिसमें देश की जीडीपी 4.5 फीसदी पर आ गई थी। वहीं आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष में देश की जीडीपी ( GDP ) के 5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।

यह भी पढ़ेंः- वित्त मंत्री ने दिए संकेत, अगले बजट में इनकम टैक्स में मिल सकती है राहत

पांच साल के निचले स्तर पर सीसीआई
भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार कंज्यूमर कांफिडेंस इंडेक्स पांच साल के निचले स्तर पर आ गई है। आंकड़ों के अनुसार नवंबर महीने में सीसीआई 85.7 अंक पर पहुंच गया जबकि सितंबर महीने में यह इंडेक्स 89.4 पर था। रिपोर्ट के अनुसार देश का सीसीआई मजबूत होता है तो इकोनॉमी के लिए उतना ही अच्छा माना जाता है। ऐसे माहौल में सर्विस और गुड्स में ज्यादा इंवेस्ट करते हैं। जिसकी वजह से देश की इकोनॉमी में तेजी देखने को मिलती है।

यह भी पढ़ेंः- आम जनता को झटका देने की तैयारी में मोदी सरकार, जीएसटी में हो सकता है बड़ा बदलाव

सीसीआई कम होना इकोनॉमी के लिए अच्छे संकेत नहीं
वहीं दूसरी ओर जब सीसीआई घटने लगता है तब मार्केट और इकोनॉमी के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। सर्विस और गुड्स सेक्टर में इंवेस्टमेेंट भी कम होने लगता है। मौजूदा समय में इकोनॉमी में क्राइसिस का मुख्य कारण भी इसी को माना जा रहा है। जानकारों की मानें तो मौजूदा समय में मांग में कमी की वजह से आर्थिक सुस्ती छाई हुई है।

यह भी पढ़ेंः- नकली सामान बेचने पर ई-कॉमर्स कंपनी पर एफआईआर, इस तरह से चल रही थी धांधली

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट ने भी दिखाया आइना
वहीं दूसरी ओर ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट भी इसी ओर इशारा कर रही है। सीसीआई के गिरने के अलावा बेरोजगारी को भी बड़ी समस्या बताया है। वहीं बैंकिंग क्राइसिस होने की वजह से लोन मिलना भी मुश्किल हो गया है। जिसकी वजह से घरेलू मांग में भारी कमी देखने को मिल रही है। देश की अर्थव्यवस्था में घरेलू मांग का योगदान 60 फीसदी के करीब है। ये सभी फैक्टर हैं जिनकी वजह से विकास दर में गिरावट लगातार देखने को मिल रही है।

Home / Business / जीडीपी के साथ पांच साल के निचले स्तर पर कंज्यूमर कांफिडेंस इंडेक्स

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो