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पांच साल के निचले स्तर पर सीसीआई
भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार कंज्यूमर कांफिडेंस इंडेक्स पांच साल के निचले स्तर पर आ गई है। आंकड़ों के अनुसार नवंबर महीने में सीसीआई 85.7 अंक पर पहुंच गया जबकि सितंबर महीने में यह इंडेक्स 89.4 पर था। रिपोर्ट के अनुसार देश का सीसीआई मजबूत होता है तो इकोनॉमी के लिए उतना ही अच्छा माना जाता है। ऐसे माहौल में सर्विस और गुड्स में ज्यादा इंवेस्ट करते हैं। जिसकी वजह से देश की इकोनॉमी में तेजी देखने को मिलती है।
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सीसीआई कम होना इकोनॉमी के लिए अच्छे संकेत नहीं
वहीं दूसरी ओर जब सीसीआई घटने लगता है तब मार्केट और इकोनॉमी के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। सर्विस और गुड्स सेक्टर में इंवेस्टमेेंट भी कम होने लगता है। मौजूदा समय में इकोनॉमी में क्राइसिस का मुख्य कारण भी इसी को माना जा रहा है। जानकारों की मानें तो मौजूदा समय में मांग में कमी की वजह से आर्थिक सुस्ती छाई हुई है।
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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट ने भी दिखाया आइना
वहीं दूसरी ओर ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट भी इसी ओर इशारा कर रही है। सीसीआई के गिरने के अलावा बेरोजगारी को भी बड़ी समस्या बताया है। वहीं बैंकिंग क्राइसिस होने की वजह से लोन मिलना भी मुश्किल हो गया है। जिसकी वजह से घरेलू मांग में भारी कमी देखने को मिल रही है। देश की अर्थव्यवस्था में घरेलू मांग का योगदान 60 फीसदी के करीब है। ये सभी फैक्टर हैं जिनकी वजह से विकास दर में गिरावट लगातार देखने को मिल रही है।