पिछले पांच साल कर छूट को लेकर कर्इ बदलाव
लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए गोयल ने कहा, “संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार ने एक साल में 40,000 रुपए की मानक कटौती की अनुमति दी थी, हमने इसे बढ़ाकर 50,000 रुपए सालाना कर दिया।” गोयल ने कहा, “पिछले पांच सालों में सरकार ने सभी करदाताओं के लिए उपलब्ध और आयकर रियायतें और छूट में कई बदलाव किए हैं। एक तरह से या दूसरी तरह से हमने समाज के सभी वर्गो के लिए रियायतें और छूट दी हैं।”
क्या हुए हैं बदलाव
बदलावों पर ध्यान दिलाते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि आवास ऋण के ब्याज पर हासिल छूट को 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दिया गया है। जबकि 80सी के तहत प्रमाणित बचत में किए जाने वाले निवेश की सीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपए कर दी गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने 50,000 रुपए तक की नई मानक कटौती शुरू की है, जो पहले वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को उपलब्ध नहीं थी।
वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाले ब्याज आय पर भी छूट
इसी तरह किसी भी प्रकार की कर से छूट प्राप्त सालाना आय को दो लाख रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर दिया है और अतिरिक्त छूट के साथ 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए कर दिया है। उन्होंने कहा, “अंतरिम बजट में, हमने कर छूट में और बढ़ोतरी की है, ताकि पांच लाख रुपए तक की आय को छूट मिले। हमने वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज आय पर मिलने वाली कर छूट को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 40,000 रुपए कर दिया है।”
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