एक सप्ताह पहले आई थी फंडिंग रोकने की खबर इससे पहले इसी सप्ताह मीडिया में खबरें आई थीं कि जापान ने अहमदाबाद-मुंबई के बीच बनने वाली करीब 508 किलोमीटर लंबी बुलेट ट्रेन के लिए फंडिंग रोक दी है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि बुलेट ट्रेन के लिए हो रहे जमीन अधिग्रहण के विरोध के चलते जापानी एजेंसी ने यह फंडिंग रोकी है। रिपोर्ट्स में कहा गया था कि जापानी एजेंसी ने फंडिंग रोकने के साथ कहा था कि पहले भारत सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करे। आपको बता दें कि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन की आधारशिला रखी थी। सरकार की योजना 2022 तक देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने की है।
किसान कर रहे जमीन अधिग्रहण का विरोध देश में बनने वाली पहली बुलेट ट्रेन के लिए गुजरात और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में जमीन अधिग्रहण का कार्य चल रहा है। पहले महाराष्ट्र के किसान इस जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे। अब गुजरात के किसान भी जमीन अधिग्रहण के विरोध में आ गए हैं। यहां तक कि गुजरात के किसानों ने जमीन अधिग्रहण के विरोध में गुजरात हाइकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। इसके अलावा गुजरात में किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील आनंद वर्द्धन ने भारत में जापानी राजदूत और जीका के इंडिया प्रभारी को भी पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
केंद्र सरकार गठित कर चुकी है स्पेशल कमेटी गुजरात और महाराष्ट्र के बीच 508 किलोमीटर लंबा बुलेट ट्रेन का ट्रैक बनाया जाना है। इस ट्रैक के निर्माण के लिए जापान की ओर से करीब 1 लाख करोड़ का लोन दिया जाना है। दोनों ही राज्यों में जमीन अधिग्रहण सरकार के लिए सिरदर्द बना हुआ है। इस विवाद को निपटाने के लिए केंद्र सरकार एक स्पेशल कमेटी का गठन कर चुकी है। लेकिन दोनों ही राज्यों के किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हो रहे हैं। आपको बता दें कि भारत में बुलेट ट्रेन निर्माण पर नजर रखने के लिए जापान ने सरकारी कंपनी जीका का गठन किया है। वहीं भारत में नंशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) बुलेट ट्रेन निर्माण का कार्य देख रही है।