नई दिल्ली. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के लिए बनाये गये कानूनों के मसौदों पर जीएसटी परिषद की बैठक में सहमति नहीं बन पायी है और अब अगली बैठक 11 और 12 दिसंबर को होगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में परिषद की दो दिनों तक चली पाँचवीं बैठक बेनतीजा रही।
अगली बैठक 11-12 को
बैठक के बाद जेटली ने कहा कि परिषद की अगली बैठक 11 और 12 दिसंबर को होगी जिसमें कानूनों के मसौदे को अंतिम रूप दिये जाने की पूरी संभावना है। इस दो दिवसीय बैठक में भी इन मसौदों पर चर्चा हुयी है लेकिन राज्यों को कुछ और वक्त की दरकार है। उन्होंने कहा कि करदाताओं पर दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर भी कोई निर्णय नहीं हो पाया है और इस पर भी अगली बैठक में चर्चा होगी। इसके साथ ही उस बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति और जीएसटी से जुड़े कानूनों के मसौदों पर भी चर्चा होगी।
राज्यों ने केंद्र को दिए सुझाव
जेटली ने कहा कि कुछ गंभीर मुद्दों पर सुझाव मिले हैं जिन पर विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से राज्यों के राजस्व पर पडऩे वाले प्रभाव पर जीएसटी परिषद में चर्चा नहीं हुयी है, लेकिन पैनल परिचर्चा के बाद अनौपचारिक बैठक में इस पर चर्चा हुयी जहाँ राज्यों ने कुछ लचीला रुख अपनाने की सलाह दी है। जीएसटी कानूनों के मसौदे पर एक राय नहीं बनने के मद्देनजर मत विभाजन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शुरुआत से अब तक कड़ी मशक्त के बाद जीएसटी को लेकर पूरी तरह से आम सहमति बनी और अब इस तरह के विवादों में पडऩे तथा इसमें दलगत राजनीति को लाने की जरूरत नहीं है।
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