1. इस पॉलिसी में पॉलिसी होल्डर को सीधा फायदा मिलता है। अगर पॉलिसी धारक कोरोना संक्रमित होता है तो उसे इलाज के लिए एकमुश्त रकम मिल सकती है। लेकिन बीमा की रकम के लिए एक आवश्यक शर्त भी है वह है पॉलिसी धारक को कम से कम 72 घंटे तक लगातार अस्पताल में भर्ती रहना ज़रूरी होगा।
2. कोरोना रक्षक पॉलिसी होल्डर के लिए तीन तरह के विकल्प उपलब्ध हैं। पहला 3.5 महीने के लिए, दूसरा 6.5 महीने का और तीसरा 9.5 महीने अवधि का होता है। ज़ाहिर है इस रक्षित अवधि की समाप्ति के बाद इस पॉलिसी को दोबारा रिन्यू कराना होगा।
3. दूसरी सामान्य पॉलिसी से हट कर इसमें केवल 15 दिन का वेटिंग टाइम होता है। इसमें वेटिंग पीरियड का मतलब होता है वह अवधि जिसमें किसी भी तरह का बेनिफिट क्लेम नहीं किया जा सकता है। मतलब साफ है इस हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदने के 15 दिन बाद ही खरीदार को कवर मिलता है।
4. सबसे बड़ी बात यह है कि कोरोना रक्षक पॉलिसी 50,000 रुपये से 2,50,000 रुपये तक की लिमिट का इंश्योर्ड करती है। इसका मतलब है इंश्योरेंस कवर की वह राशि जिसे इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय बीमा कंपनी पॉलिसी होल्डर के लिए तय करती है। उदाहरण के लिए यदि कोई पॉलिसी धारक को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में 2 लाख रुपये का कवर मिला है तो उस व्यक्ति के अस्पताल में भर्ती होने पर उसके लिए 2 लाख रुपये तक का खर्च कंपनी उठाएगी।