चमोली ग्लेशियर हादसा: इन दो कंपनियों को हुआ बड़ा नुकसान, बदलने जा रहे थे उत्तराखंड की तकदीर
- एनटीपीसी की एक निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त
- 130 मेगावाट की ऋषि गंगा पनबिजली परियोजना पूरी तरह से हो गई तबाह

नई दिल्ली। रविवार को ऋषिगंगा ग्लेशियर के टूटने से सिर्फ आम लोगों और सरकार को ही नुकसान हुआ है, बल्कि वो सपने भी टूट गए हैं, जो कि उत्तराखंड के लोग सालों से देख रहे थे। वास्तव में ग्लेशियर के टूटने के कारण आई बाढ़ की वजह से बिजली कंपनी एनटीपीसी की एक निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना का बड़ा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जबकि एक प्राइवेट कंपनी का पूरा प्रोजेक्ट ही तबाह हो गया है। इन दोनों प्रोजेक्ट की वजह से उत्तराखंड में बिजली की कमी को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता था।
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इन प्रोज्क्ट्स को हुआ नुकसान
उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ऋषिगंगा ग्लेशियर के टूटने से आई बाढ़ की चपेट में आने से राज्य की प्रमुख बिजली एनटीपीसी की एक निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। कंपनी ने कहा है कि वह जिला प्रशासन और पुलिस के साथ लगातार स्थिति की निगरानी कर रही है। निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना (520 मेगावाट) के हिस्से को नुकसान का सामना करना पड़ा है, जबकि एक अन्य निजी स्वामित्व वाली ऋषि गंगा पनबिजली परियोजना (130 मेगावाट) पूरी तरह से तबाह हो गई है।
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एनटीपीसी ने ट्वीट कर दी जानकारी
एनटीपीसी ने एक ट्वीट में कहा, "उत्तराखंड में तपोवन के पास जलप्रलय में हमारे निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजना के एक हिस्से को नुकसान पहुंचा है। बचाव कार्य जारी है। जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।" उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भारी बाढ़ के बाद 125 लोग लापता हैं।
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