तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक द्वारा तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में लिखा है, उपर्युक्त के संदर्भ में, आपको यह सूचित किया जाता है कि निम्नांकित उम्मीदवार के प्रमाण पत्र की जांच हो गई है और इसमें पाया गया है कि प्रमाण पत्र असली नहीं है। पत्र को हालांकि विश्वविद्यालय ने सत्यापित नहीं किया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की छात्र शाखा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने अपने कार्यकर्ता बसोया के खिलाफ लगे इन आरोपों को एनएसयूआई का दुष्प्रचार बताते हुए बकवास करार दिया है। एबीवीपी की मीडिया प्रवक्ता मोनिका चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने अंकित बसोया को प्रवेश उनके प्रमाणपत्रों की जांच करने के बाद दिया था। यह डीयू की प्रक्रिया है। आज भी डीयू को उसके किसी भी छात्र के प्रमाणपत्रों के सत्यापन का अधिकार है। लेकिन किसी व्यक्ति को यह प्रमाणपत्र देना एनएसयूआई का काम नहीं है… यह सिर्फ एनएसयूआई का दुष्प्रचार है। बसोया ने संगठन के दो अन्य लोगों के साथ डूसू अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद के चुनाव में जीत हासिल की थी।