भारत में वर्तमान में इंडियन इंस्टीट्यूट एंड साइंस (IISC) बेंगलुरु, हैदराबाद और सीरी पिलानी में डीजीएक्स-2 कम्प्यूटर है जो कीमत व क्षमता के मामले में डीजीएक्स-2 से करीब आधा है। आइआइटी जोधपुर और NVIDEA कंपनी के मध्य कृत्रिम बुद्धिमता में शोध को लेकर दो साल का करार हुआ है। इसमें 16 विशेष जीपीयू कार्ड लगे हैं। प्रत्येक की क्षमता 32 जीबी है, जबकि आम कम्प्यूटर में 4 से 8 जीबी का केवल एक जीपीयू कार्ड होता है। इसकी रैम 512 जीबी की है। आम कम्प्यूटर की क्षमता केवल 150 से 200 वॉट होती है। नीविडया कंपनी के इंजीनियर दो साल तक कृत्रिम बुद्धिमता प्रशिक्षण देंगे। इस कम्प्यूटर में अब डाटा डाला जाएगा। यह बहुत भारी भरकम डाटा को कुछ घंटे से लेकर कुछ सप्ताह में ही प्रोसेस कर देगा।
स्वास्थ्य, शिक्षा सहित 9 क्षेत्रों में होगा फायदा
भारत में कृत्रिम बुद्धिमता तकनीक शिक्षु अवस्था में ही है। केन्द्र सरकार ने पहली बार 1 फरवरी 2019 को पेश बजट में कृत्रिम बुद्धिमता पर देश के आइआइटी सहित अन्य संस्थानों को आगे आगे को कहा था। भारत में कृत्रिम बुद्धिमता का उपयोग स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, परिवहन, नागरिक सुविधाएं सहित नौ क्षेत्र में किया जाना है। राजस्थान में स्वाइल फ्लू, सिलिकोसिस बीमारी, एक्स-रे, एमआरआई सहित स्वास्थ्य क्षेत्र से अनुप्रयोग के साथ बैंकिंग, ट्रैफिक जैसे क्षेत्रों में भी कृत्रिम बुद्धिमता से तैयार एप्लीकेशन में मदद मिलेगी। स्वाइल फ्लू के पिछले 10 साल के डाटा को इसमें प्रोसेस करने पर बीमारी के बारे में नए रहस्य सामने आ सकते हैं।
क्या है कृत्रिम बुद्धिमता (एआई)
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) या कृत्रिम बुद्धिमता कम्प्यूटर इंटेलीजेंस या मशीन इंटेलीजेंस हैं। यानि जब कोई मशीन इंसान द्वारा किए गए कार्यों को हुबहू संपन्न करती है तो उसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) कहते हैं।