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गणेश शुरूआती दो बार में IAS प्रारंभिक परीक्षा भी क्वालीफाई नहीं पाए, उसके बाद उन्होंने चेन्नई की एक गवर्नमेंट IAS कोचिंग का एंट्रेंस एग्जाम उत्तीर्ण कर ज्वाइन कर लिया। यहाँ कोचिंग में गणेश को खाने और रहने की फ्री सुविधा मिली लेकिन एग्जाम ख़त्म होने के बाद उन्हें कमरा खाली करना पड़ा जिसके बाद उन्हें दो वक्त का खाना भी अच्छे से नसीब नहीं होता था। गणेश ने इन सभी मुश्किलों को इरादों के सामने नहीं आने दिया। गणेश ने एक छोटे से होटल में पार्ट टाइम वेटर की नौकरी कर ली, जहाँ दिन के वक्त वो नौकरी करते और रात में पढ़ाई करने लगे। पांच साल तक गणेश को IAS प्री क्वालीफाई में भी सफलता नहीं मिली लेकिन छठें मौके में प्री और मैन एग्जाम में सफलता हासिल कर ली। दोनों परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद साक्षात्कार में प्रदर्शन के आधार पर इस नौकरी के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। इसी तैयारी के दौरान ही गणेश ने IB की परीक्षा दी थी जिसमें सफलता मिल गई थी लेकिन गणेश के सामने एक तरफ IB की नौकरी तो दूसरी तरफ सातवें मौके में IAS की नौकरी में सफलता पाना दोनों ही विकल्प थे। गणेश ने खुद पर भरोसा रखकर एक बार फिर से IAS की परीक्षा देने का फैसला किया। सातवीं बार जब जय गणेश ने परीक्षा दी तो मेहनत का परिणाम उनके सामने था। जय गणेश ने पुरे देश में 156वीं रैंक हासिल की और IAS बनने का सपना पूरा किया।