केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता राज्यमंत्री अनंत कुमार हेगड़े और फिल्म निर्माता और मीडिया एंड एंटरटेन्मेंट स्किल्स काउंसिल (एमईएससी) के चेयरमैन सुभाष घई ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। प्रतियोगिता में 45 विजेताओं को स्वर्ण पदक, 47 विजेताओं को रजत और 43 को कांस्य पदक प्रदान किए गए। इस मौके पर केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता राज्यमंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने कहा कि हुनर ही जीवन का सहारा बन सकता है। उन्होंनेे कहा, शिक्षा से ज्ञान मिलता है लेकिन कौशल विकास से आजीविका चलती है। जिंदगी में आगे बढऩे के लिए कौशल विकास जरूरी है।
हेगड़े ने प्रतियोगिता के विजेता और बाकी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि जो नहीं जीत पाए हैं उनको सतत प्रयत्नशील रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी के लिए स्पर्धा में जीतना बहुत आसान हो सकता है, वह अगर अपने कौशल को जीवन का सहारा बनाए तो यह असली जीत है।
फिल्म निर्माता और मीडिया एंड एंटरटेन्मेंट स्किल्स काउंसिल (एमईएससी) के चेयरमैन सुभाष घई ने इस मौके अपने जीवन के मूलमंत्र बताए, जिसकी बदौलत वह कई हिंदी फिल्मों का सफलतापूर्वक निर्माण व निर्देशन कर पाए हैं। उन्होंने ‘इंडिया स्किल्स-2018Ó के प्रतिभागियों से कहा, सभी विषयों की जानकारी रखें, मगर एक विषय में निपुण जरूर बनें।
घई ने कहा, हमारे सभी युवा सृजनशील हैं, लेकिन हमने उनको बेहतर तरीके से तालीम नहीं दी है। औपचारिक माहौल में हम मेधा का उपयोग नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा, स्किल इंडिया में आपके पास अपने हुनर को तराशने का मौका है। प्रतियोगिता के विजेता 2019 में कजान, रूस में आयोजित 45वीं वल्र्डस्किल्स प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
‘इंडिया स्किल्स 2018’ प्रतियोगिता में देश के 27 राज्यों से 400 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने 46 स्किल्स में अपनी काबिलियत दिखाई। ये प्रतिभागी राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं से चुनकर आए थे। पदक तालिका में महाराष्ट्र अव्वल रहा और प्रदेश के युवाओं ने 23 पदक अपने नाम किए। इसके बाद ओडिशा के खाते में 21 पदक आए। तीसरे स्थान पर कर्नाटक और दिल्ली ने क्रमश: 16-16 पदक जीते। चंडीगढ़ 12 पदकों के साथ पांचवें स्थान पर रहा। कार्यक्रम में बिहार के श्रम एवं कौशल विकास मंत्री विजय कुमार सिन्हा समेत कई केंद्रीय व राज्य स्तर के अधिकारी मौजूद थे।
इन पदक विजेताओं को अगले साल रूस में होने वाली 45वीं विश्व कौशल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। पिछले साल 2017 में आबू धावी में हुई प्रतियोगिता में भारत ने एक रजत, एक कांस्य और नौ विशिष्टता पदक प्राप्त किए थे। प्रतियोगिता में शामिल 56 देशों में भारत 19वें स्थान पर रहा था।