मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उल्लेखनीय है कि अभी सहायक उपकरण के बिना 80 फीसदी से अधिक विकलांगता वाले डॉक्टरी की पढ़ाई के योग्य नहीं हैं। बीते साल मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए अंधापन, कुष्ठ रोगी, श्रवण दोष, मानसिक बीमारी, एसिड अटैक सहित 21 अपंगताओं को शामिल किया गया था। सरकार के इस प्रस्ताव से दिव्यांग छात्रों को मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए सुविधा मिलेगी।