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Uttarakhand Assembly Election 2022 : पिता की हार का बदला लेंगी दो पूर्व सीएम की बेटियां?

उत्तराखंड विधानसभा का चुनाव 14 फरवरी को होना है। कुल 70 विधानसभा सीटों में 632 प्रत्‍याशी चुनाव लड़ रहे हैं। विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी तो जमकर पसीना बहा ही रहे हैं। सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। इस बीच उत्तराखंड में कोटद्वार और हरिद्वार (ग्रामीण) सीटों पर दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है।

नई दिल्लीFeb 12, 2022 / 03:49 pm

Shaitan Prajapat

 2 Former CM daughters are contesting

2 Former CM daughters are contesting

Uttarakhand Assembly Election 2022 : उत्तराखंड विधानसभा का चुनाव 14 फरवरी को होना है। कुल 70 विधानसभा सीटों में 632 प्रत्‍याशी चुनाव लड़ रहे हैं। विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी तो जमकर पसीना बहा ही रहे हैं। इसके साथ ही उनके परिजन भी मैदान में डटे हुए हैं। कहीं पत्नियों ने मोर्चा संभाल रखा है। तो कहीं बेटे और बेटियों के हाथ में चुनावी मैनेजमेंट है। सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। इस बीच उत्तराखंड में कोटद्वार और हरिद्वार (ग्रामीण) सीटों पर दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है।

पूर्व सीएम की बेटियां चुनावी मैदान में
दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की बेटियां अपने पिता की हार का बदला लेने के लिए चुनावी मैदान में ताल ठोक रही है। भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी रितु खंडूरी भूषण को प्रतिष्ठित कोटद्वार सीट से जबकि कांग्रेस ने हरिद्वार ग्रामीण सीट से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत हार का बदला लेने के लिए चुनावी मैदान में है।

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पिता की हार का लेगी बदला
आपको बता दें कि पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूरी साल 2012 में कोटद्वार से और हरीश रावत साल 2017 में हरिद्वार ग्रामीण से चुनाव हार गए थे। दोनों दिग्गजों ने मौजूदा मुख्यमंत्री के रूप में सीटों से चुनाव लड़ा था। साल 2012 में कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह नेगी ने कोटद्वार में खंडूरी को 4,623 मतों से हराया था। नेगी को 31,797 वोट मिले थे। वहीं साल 2017 में हरिद्वार ग्रामीण से हरीश रावत भाजपा के स्वामी यतीश्वरानंद से हार गए थे। इस दौरान रावत को 12,278 मतों से हार का सामना करना पड़ा था।

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रितु खंडूरी भूषण बनाम नेगी
रितु खंडूरी भूषण ने 2017 में यमकेश्वर सीट से जीतकर राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। नेगी एक बार कोटद्वार सीट जीत चुके हैं, लेकिन अनुभव के मामले में रितु भूषण से आगे हैं। रितु एक नया चेहरा हैं। लेकिन भाजपा के एक दिग्गज की बेटी होने के नाते माहौल उनके पक्ष में काम कर सकता है। धीरेंद्र चौहान को भाजपा ने कोटद्वार से टिकट से नहीं मिला, वे निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरे हैं। ऐसे में रितु खंडूरी भूषण की जीत में बाधा डाल सकते है।

अनुपमा की राह भी आसान नहीं
पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावट की चुनाव डगर आसा नहीं दिख रही है। अनुपमा रावत पहली बार चुनावी मैदान में उतरी है। वे हरिद्वार ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में काफी समय से कड़ी मेहनत कर रही हैं और जमीनी स्तर पर लोगों के साथ जुड़ी हैं। दो बार के विधायक और पुष्कर सिंह धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद यहां से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में दोनों बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी।

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