आठ साल की उम्र में गया था ऑल इंडिया रेडियो के लिए गाना
वाणी जयराम का जन्म 30 नवंबर 1945 को वेल्लोर, तमिलनाडु में हुआ था। वाणी को दक्षिण भारतीय सिनेमा में पार्श्व गायिका के रूप में जाना जाता है। वाणी जयराम संगीतकारों के परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनकी 5 बहनें और तीन भाई हैं। वाणी परिवार में सबसे छोटी थीं। वाणी ने अपना पहला गाना आठ साल की उम्र में मद्रास ऑल इंडिया रेडियो के लिए गाया था।
पति ने दिया साथ और म्यूजिक की दुनिया में बनाई पहचान
1969 में जयराम से शादी करने के बाद वाणी मुंबई शिफ्ट हो गई थीं। वो बैंक में नौकरी करती थीं, लेकिन उनके पति ने उन्हें म्यूजिक की दुनिया में आगे बढ़ाया और इस मुकाम तक पहुंचने में उनका साथ दिया। वाणी ने उस्ताद अब्दुल रहमान खान से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली।
इस गाने के हिट होने पर मिली सफलता
वाणी जयराम को बतौर हिंदी गायिका पहली बार मौका साल 1971 में मिला। वाणी को हृषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित फिल्म ‘गुड्डी’ में लिरिसिस्ट वसंत देसाई ने तीन गाने रिकॉर्ड करने की पेशकश की, जिसमें से ‘बोले रे पपिहारा’ गाना हिट हो गया। इस गाने से उनके करियर को सफलता मिली। वाणी ने अपने करियर में 10,000 से अधिक गाने रिकॉर्ड किए हैं।
गायिका वाणी जयराम ने जीते कई पुरस्कार
वाणी ने तीन बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता और ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात राज्यों से राज्य सरकार के पुरस्कार भी जीते। पंडित रवि शंकर द्वारा रचित मीरा (1979) के गीत ‘मेरे तो गिरधर गोपाल’ के लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का अपना पहला फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था। उन्होंने इस फिल्म के लिए 12 से अधिक भजन रिकॉर्ड किए जो आज भी बेहद लोकप्रिय हैं।
कई भाषाओं में गाए गाने
वाणी ने अपने करियर में कुल 19 भाषाओं में गाने गाए हैं, जिनमें तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, हिंदी, उर्दू, मराठी, बंगाली, भोजपुरी, तुलू ,उड़िया, मलयालम, उड़िया और राजस्थानी जैसी भाषाएं शामिल हैं। वाणी जयराम की आवाज में ‘हम को मन की शक्ति देना मन विजय करे…’ गीत लगभग सभी को याद होगा। वाणी ने हाल ही में इंडस्ट्री में बतौर सिंगर अपने 50 साल पूरे किए थे।