बता दें कि शहीद का शव पैतृक गांव पहुंचने के बाद परिजनों ने किसी भी जन प्रतिनिध के नहीं पहुंचने पर आक्रोश जाहिर किया था। साथ ही मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग की। परिजनों ने कहा कि उनकी मांगें नहीं मनीं जाएंगी और मुख्यमंत्री नहीं आएंगे तब तक वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इसके बाद पर परिजनों को मनाने की कोशिश की गई. जिलाधिकारी और एसएसपी से परिजनों की बंद कमरे में बातचीत हुई। तकरीबन आधा घंटा चली इस बातचीत के बाद शहीद सुबोध कुमार के परिजने अंतििम संस्कार के लिए तैयार हो गए। शहीद सुबोध कुमार के बड़े बेटे ने मुखाग्नि दी।
बता दें कि स्याना कोतवाली एरिया के चिंगरावठी चौकी एरिया के जंगल में गोवंश मिलने से सोमवार दोपहर को बवाल हो गया। मौके पर इक्टठा हुई लोगों की भीड़ ने गढ़ बुलंदशहर रोड पर जाम लगा दिया। जाम खुलवाने का प्रयास कर रही पुलिस पर ग्रामीणों ने पथराव और गोलियां चला दी। जवाब में पुलिस की तरफ से भी गोलियां चलाई गईं। पथराव के दौरान ही इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत हो गई।