एटा। एटा की निधौलीकलां विधानसभा सीट ने यूपी को दो मुख्यमंत्री दिए। खास बात यह है कि यादव बाहुल्य माने जाने वाली इस सीट से चुनाव लड़ने वाले दोनों मुख्यमंत्री यादव ही थे। लोग बताते हैं, कि यह सीट बहुत लकी है, जिस पर एक बार मेहरबान हो जाए, उसे आसमान पर पहुंचा देती है। इस सीट से सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने चुनाव लड़ा और जीते। उनसे पहले इस विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव भी चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने थे।
जब रामनरेश यादव ने लड़ा था चुनाव
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नरेश यादव यूं तो आजमगढ़ के निवासी थे, लेकिन उन्हें एटा से भी बेहद लगाव रहा। 1977 में प्रदेश में जनता दल की सरकार में मुख्यमंत्री रहते हुए एटा की निधौलीकलां से ही विधायक बने थे। राम नरेश यादव ने कांग्रेस के गंगा सिंह को 50 फीसद के अंतर से हराया था। उन्हें 22 हजार 337 मत मिले थे, जबकि गंगा सिंह को 11 हजार 389 वोट प्राप्त हुए थे।
सपा मुखिया मुलायम सिंह भी बने यहां से विधायक
राम नरेश यादव के बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने 1993 में यादव बाहुल्य इस सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया। उनके सामने भाजपा के सुधाकर वर्मा थे। दोनों के बीच कांटे का मुकाबला था। जानकार बताते हैं, कि सुधाकर वर्मा की भी इस विधानसभा क्षेत्र में अच्छी पकड़ थी। मतदान के बाद परिणाम चौंकाने वाले आए। लगभग छह हजार वोटों से ही सपा मुखिया इस सीट पर दर्ज कर सके। मुलायम सिंह यादव को इस चुनाव में 41 हजार 683 वोट मिले थे, वहीं सुधाकर वर्मा ने 34 हजार 620 मत हासिल किए थे। इस सीट से विधायक बनने के बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव 12 वीं विधानसभा के मुख्यमंत्री बने।
Hindi News/ Etah / इस विधानसभा सीट ने दिए यूपी को दो यादव मुख्यमंत्री, जानिए क्या है पूरी कहानी