यह भी पढ़ें वायु सेना को भेजे जा रहे विमान ईंधन की यमुना एक्सप्रेस वे पर चोरी, देखें वीडियो इस्तीफे की पेशकश मथुरा निवासी सर्वेश चौधरी इस समय पुलिस की योगा टीम में 35 पीएसी रायबरेली में तैनात था। वह एटा में तैनात रहा है। सर्वेश चौधरी ने एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी से भेंट की और कहा कि वह पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे रहा है। उसने पुलिस व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगाया। उसने कहा कि वह अपने परिवार की सहमति से इस्तीफा दे रहा है। वह पूरे होशहवाश में है। सर्वेश चौधरी की यह बात सुनकर वहां मौजूद लोग सन्न रह गए। किसी ने सोचा भी नहीं था कि हत्यारोपी सिपाही के पक्ष में कोई अन्य सिपाही इस्तीफा दे सकता है।
यह भी पढ़ें SC ST Act विरोध, भाजपा के लिए बढ़ रहीं मुसीबतें, सर्व समाज बोला सरकार की अर्थी निकालेंगे साथियों ने समझाया इसके बाद उसके साथी पुलिसकर्मियों ने उसे समझा बुझाकर शांत किया। सर्वेश चौधरी आपे से बाहर था। उसने साथियों से ही सवाल किया कि क्या उसने कुछ गलत किया है? इस संबंध में सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) संजय कुमार का कहना है कि सर्वेश चौधरी यहां आया था। सिपाही ने इस्तीफा देने की बात कही थी। सिपाही के साथियों ने उसे समझा कर घर भेज दिया है। सर्वेश चौधरी ने इस्तीफा नहीं दिया है।
यह भी पढ़ें मेनका गांधी ने बताया कि उन्हें कांग्रेस के जमाने में क्यों तकलीफ हुई- देखें वीडियो मैंने इस्तीफा दे दिया है सिपाही सर्वेश चौधरी का कहना है- मैंने इस्तीफा दे दिया है। कप्तान साहब ने मुझसे कहा है कि ये आपका अधिकार है पर अभी आप सस्पेंड है और आपको घर जाने की 30 दिन का अवकाश दिया गया है। इस्तीफा मंजूरी में कुछ समय लगता है।
वीडियो किया था जारी सिपाही सर्वेश चौधरी ने जब वीडियो जारी किया तो सोशल मीडिया पर तत्काल ही वायरल हो गया। लोग इस पर कमेंट कर रहे हैं। लगातार साझा भी कर रहे हैं। सिपाही ने वीडियो में नेताओं के साथ-साथ मीडिया पर भी टिप्पणी की है। सिपाही ने वीडियो ने कहा कि 21वीं सदी में पुलिस का 1861 अधिनियम चल रहा है। इसे बदला जाए। मुझे कार्रवाई का डर नहीं है। अगर उसने कुछ गलत कहा है तो उसे सबसे पहले बर्खास्त कर दिया जाए। उसने लिखा था- मुझे बर्खास्त करो, मैंने दिए हैं पैसे। यह एक तरह से उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक को खुली चुनौती थी। इसी के चलते उसे निलंबित किया गया है। साथ ही विभागीय जांच का आदेश दिया गया है। माना जा रहा है कि अनुशासनहीनता के आरोप में सिपाही को बर्खास्त किया जा सकता है।