बकौल दर्शन सिंह यादव मुलायम सिंह यादव को राजनीति में लाने का श्रेय उस समय के कद्दावर नेता नत्थू सिंह को जाता है, जिन्होंने मुलायम सिंह के लिए अपनी सीट छोड़ दी। उन्हें चुनाव लड़वाया और सबसे कम उम्र में विधायक बनवाया। उस समय बहुत सारे लोग ऐसे थे जिन्होंने मुलायम सिंह को विधानसभा का टिकट दिए जाने का विरोध किया था, लेकिन नत्थू सिंह के आगे किसी की नहीं चली। वह कहते थे कि मुलायम सिंह पढ़े-लिखे हैं, इसलिए इनको विधानसभा में जाना चाहिए। प्रधान दर्शन सिंह कहते हैं कि मुलायम सिंह की एक बड़ी खासियत है कि वे अपने लोगों को हमेशा याद रखते हैं। अपनों को कभी भूलते नहीं। भले ही आज वह देश के बहुत बड़े नेता हैं, लेकिन जब भी मुलाकात होती है तो बचपन की बातें करते हैं।
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बचपन से ही था पहलवानी का शौक
यादव बताते है कि मुलायम सिंह यादव का बचपन अभावों में बीता पर वे अपने साथियों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। कहा कि नेता जी को बचपन से ही पहलवानी का बड़ा शौक था। शाम को स्कूल से लौटने के बाद वे अखाड़े में जाकर कुश्ती लड़ते थे। जहां पर वे अखाड़े में बड़े से बड़े पहलवान को चित कर देते थे। वह भले ही छोटे कद के हों, लेकिन उनमें गजब की फुर्ती थी। अक्सर वह पेड़ों पर चढ़ जाते थे और आम, अमरुद, जामुन बगैरह तोड़कर अपने साथियों को खिलाते थे। कई बार लोग उनकी शिकायत लेकर उनके घर पहुंच जाते थे। तब उन्हें पिताजी की डांट भी पड़ती थी। यादव कहते हैं कि हमारी मित्र मंडली में दो लोग और भी थे। हाकिम सिंह और बाबूराम सेठ पर अफसोस दोनों अब इस दुनिया में नहीं हैं।