ये भी पढ़ें- सपा महासचिव रामगोपाल यादव का राम मंदिर मुद्दे पर बड़ा बयान रामगोपाल ने दिया बयान- प्रो. रामगोपाल यादव शनिवार को इटावा में थे जहां उन्होंने मीडिया द्वारा बैठक पर पूछे गए सवाल का जवाब दिया। मायावती-अखिलेश की गठबंधन को लेकर दिल्ली में हुई बैठक के सवाल पर उन्होंने कहा कि गठबंधन पर मुझे कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने महागठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखने की जानकारी से भी इंकार किया। उन्होंने कहा कि इसके बारे में अखिलेश व मायावती ही पूरी जानकारी दे सकते हैं। गठबंधन के औपचारिक ऐलान के बारे में भी उन्होंने कहा कि बहन मायावती और अखिलेश ही इसका ऐलान करेंगे। कांग्रेस को गठबंधन से अलग रखने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि काल्पनिक सवालों का कोई औचित्य नहीं है।
ये भी पढ़ें- भाजपा को झटका, यह रिटायर्ड IPS अफसर समाजवादी पार्टी में हुआ शामिल जनवरी के अंतिम सप्ताह में हो सकती है पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा- रामगोपाल रामगोपाल यादव ने कहा कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा हो सकती है। जो भी उम्मीदवार हो उसको तन मन धन से पार्टी को जिताना पड़ेगा क्योंकि पैसा केवल बीजेपी के पास ही है और किसी भी राजनीतिक दल के पास नहीं है। जनता के ही सहयोग से चुनाव लड़ा जा सकता है।
हालांकि इससे पहले शुक्रवार को ही दिल्ली में रामगोपाल यादव ने कहा था कि सपा और बसपा के बीच गठबंधन तो होगा। गठबंधन में कौन सी पार्टियां होंगी व उन्हें कितनी सीटें मिलेंगी। यह दोनों नेता ही तय करेंगे।
कयासों का बाजार गर्म- सूत्रों के अनुसार, बसपा और सपा 37-37 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे। वहीं महागठबंधन में आरएलडी के लिए दो से तीन सीटें रखी गई। इसी के साथ दो सीटें अन्य दलों के लिए छोड़ी जाएंगी। बची 2 सीटों को पारंपरिक रूप से कांग्रेस के लिए छोड़ा जाएगा। महागठबंधन को उम्मीद है कि भाजपा छोड़ चुकी सांसद सावित्री बाई फुले व भाजपा सरकार के खिलाफ खड़े यूपी मंत्री ओमप्रकाश राजभर यदि सपा-बसपा के साथ आते हैं तो उन्हें एक-एक सीट दी जा सकती है। शिवपाल यादव भी महागठबंधन के दरवाजे खुले हैं। इस पर अभी तक किसी भी नेता ने पुष्टि नहीं की है। वहां सूत्रों का मानना है कि मायावती इस गठबंधन के मुद्दे पर लखनऊ में 10 जनवरी को बैठक करेंगी, जिसके बाद वह गठबंधन की घोषणा कर सकती हैं।