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इटावा

शीला दीक्षित की बदौलत यूपी के इस जिले को मिला था यह बड़ा तोहफा, मौत की खबर से लोगों की आंखों में छलक आए आंसू

– शीला दीक्षित इटावा के पड़ोसी संसदीय क्षेत्र कन्नौज से जीती थीं चुनाव
– उन्नाव के पंडित उमाशंकर दीक्षित के पुत्र आईएएस विनोद शंकर दीक्षित की पत्नी थीं शीला दीक्षित
– इटावा को मिला था नेशलन थर्मल पावर कॉरपोरेशन संयत्र का तोहफा

इटावाJul 21, 2019 / 01:24 pm

नितिन श्रीवास्तव

Sheila Dikshit Etawah Kannauj Unnao unknown facts

शीला दीक्षित की बदौलत यूपी के इस जिले को मिला था यह बड़ा तोहफा, यादकर लोगों की आंखें हुई नम

दिनेश शाक्य
इटावा . काग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) के निधन के बाद जहां सारा देश दुखमय है, वहीं इटावा में भी इसका व्यापक असर देखा जा रहा है। क्योंकि शीला दीक्षित का इटावा से गहरा नाता रहा है। 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की हत्या के बाद देश में हुए लोकसभा चुनाव में शीला दीक्षित इटावा के पड़ोसी संसदीय क्षेत्र कन्नौज से चुनाव मैदान में कांग्रेसी उम्मीदवार के तौर पर उतरी थीं। असल में उस समय इटावा जिले की भरथना और बिधुना विधानसभा कन्नौज संसदीय क्षेत्र का हिस्सा हुआ करती था। इसी वजह से शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) को इस क्षेत्र में भी लोगों के बीच में संपर्क बनाकर रहना पड़ता था। शीला दीक्षित उन्नाव के पंडित उमाशंकर दीक्षित के पुत्र आईएएस विनोद शंकर दीक्षित की पत्नी थीं और इसी वजह से उन्हें इटावा और आसपास के ब्राह्मणों का खासा समर्थन भी हासिल था।

मुलायम के करीबी को दी थी मात

कन्नौज संसदीय सीट (Kannauj Loksabha Seat) पर हुए चुनाव में शीला दीक्षित ने मुलायम सिंह यादव के करीबी छोटे सिंह यादव को पराजित किया था। तब शीला दीक्षित को एक लाख 99 हजार 621 और छोटे सिंह को एक लाख 37 हजार 806 वोट मिले थे। कन्नौज में शीला दीक्षित के रूप में कांग्रेस पार्टी की यह अब तक की अंतिम जीत थी। कन्नौज संसदीय सीट से जीत कर शीला दीक्षित संसद के गलियारे में पहुंची, तो उनको राजीव गांधी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर जगह मिली। राज्यमंत्री के तौर पर उन्होंने अपनी काबिलियत साबित करने के लिए उत्तर प्रदेश के अति पिछड़े समझे जाने वाले इटावा जिले के दिबियापुर इलाके में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (National Thermal Power Corporation Limited) एनटीपीसी की स्थापना का खाका तैयार किया। जिसे मूर्त रूप देने के लिए प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अमलीजामा पहनाया।

राजीव गांधी की हुई थी जनसभा

शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) की पहल का ही नतीजा था कि इटावा जैसे अति पिछड़े समझे जाने वाले जिले में नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन की स्थापना हुई। जिसकी वजह से इटावा को देश में उद्योग के तौर पर स्थान मिला। जब नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) की स्थापना की जा रही थी, उस वक्त इटावा और इटावा के आसपास के ढेर सारे लोगों को रोजगार भी मिला। इटावा के वरिष्ठ पत्रकार सुभाष त्रिपाठी के मुताबिक जब नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन की स्थापना की घोषणा की गई थी, उस समय खुद प्रधानमंत्री राजीव गांधी इटावा में बड़ी जनसभा को संबोधित करने के लिए आये थे। उनके साथ शीला दीक्षित भी थीं। सुभाष त्रिपाठी ने बताया कि शीला दीक्षित को कालीचाय बहुत ही पसंद थी। इटावा के अशोक दुबे के साथ शीला दीक्षित के करीबियत के चर्चे हर आदमी के मुंह से सुने जा सकते हैं। उनकी बेटी की शादी में भी वह आई थीं। शीला दीक्षित को जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर काग्रेंस पार्टी की ओर से प्रोजेक्ट किया गया था, तब 16 अक्टूबर को वह इटावा आई थीं।
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