बता दें कि प्रमोद मित्तल को कथित फर्जीवाड़े और अपनी ‘शक्तियों के दुरूपयोग’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मित्तल के साथ गिरफ्तार हुए उनके दो सहकर्मियों को भी जमानत दी गई है। इस बारे में प्रॉसिक्यूटर ने जानकारी दी है।
कोकिंग प्लांट से जुड़े मामले में हुई थी कार्रवाई
प्रमोद मित्तल पर उत्तरपूर्वी शहर के लुकावाट में एक कोकिंग प्लांट में फ्रॉड करने आरोप है। प्रमोद को इस प्लांट के खाते से करीब 12 मिलियन डॉलर (84 करोड़ रुपए) के संदिग्ध ट्रांसफर के बारे में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। यह ट्रांसफर साल 2006 से 2015 के बीच किए गए। इस प्लांट को प्रमोद 2003 से संचालित कर रहे हैं। हजारों कर्मचारियों वाले इस प्लांट को एक लोकल पब्लिक कंपनी (KHB) द्वारा सह-प्रबंधित किया जा रहा है।
कंपनी के दो अन्य अधिकारियों पर भी आरोप
इस कथित फर्जीवाड़े के आरोप में प्रमोद मित्तल के अलावा कंपनी के दो और अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया था। मित्तल के साथ जनरल मैनेजर प्रमेश भट्टाचार्य और पर्यवेक्षी बोर्ड के सदस्य की भी गिरफ्तारी हुई थी। इन दोनों को करीब 2 करोड़ रुपयों की जमानत पर रिहा किया गया। इन सभी पर कारोबारी और अधिकारी संगठित अपराध, विशेष रूप से शक्ति और आर्थिक अपराधों के दुरुपयोग के शक है। प्रॉसिक्यूटर की मानें आरोप साबित होने पर उन्हें करीब 45 साल तक जेल हो सकती है।
कारोबारी लक्ष्मी मित्तल के भाई फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार, हो सकती है 45 साल की जेल
करीब 19 करोड़ रुपए के गबन का आरोप
तीन कारोबारियों के अलावा इसी कंपनी से जुड़े एक अन्य शख्स की भी इस मामले में तलाश है। पुलिस ने संगठित अपराध के सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है। एक स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट की माने तो इन सभी ने कम से कम 28 लाख डॉलर (यानी करीब 19 करोड़ रुपए) का गबन किया है।