विधेयक को गुरुवार को यूक्रेन के संसद द्वारा अनुमोदित किया गया था, जिसे अनुमोदन के लिए आवश्यक न्यूनतम 226 वोटों से कहीं ज्यादा 277 वोट मिले। सितंबर में पोरोशेंको ने रूस के साथ मैत्री संधि समाप्त करने को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के फैसले को लागू करने के लिए एक डिक्री पर हस्ताक्षर किए थे।
एक तरफ अमरीका और अन्य देश इस मामले में रूस के ऊपर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, दूसरी और इस गतिरोध को लकेर यूक्रेन और रूस के बीच तनाव गहरा हो गया है। यूरोपीय देशों और अमरीका के भारी विरोध के बाद भी रूस ने अभी तक यूक्रेन के नौसिनकों को रिहा करने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। इस बीच जर्मनी व सहयोगी देशों ने भी काला सागर में अपनी नौसैनिक मौजूदगी बढ़ाने की बात कही है। दोनों देशों ने केर्च जलसंधि के इर्दगिर्द अपने सैनिकों का जमावड़ा करना शुरू कर दिया है। यूक्रेन का मानना है कि रूस 2014 जैसी क्रीमिया नरसंहार की घटना दोहराना चाहता है। हालांकि रूस ने अजोव सागर में यूक्रेन के जहाजों के आवागमन पर लगी रोक हटा ली है लेकिन अब भी उसने ऐसा कुछ नहीं किया है जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि वह इस इलाके में शांति स्थापित करने के लिए गंभीर है।