scriptसीसैट पेपर में शायद ही बदलाव करे केन्द्र सरकार | Govt unlikley to roll back UPSC aptitude test in preliminary examination | Patrika News
परीक्षा

सीसैट पेपर में शायद ही बदलाव करे केन्द्र सरकार

सरकार 2014 फॉर्मेट को ही लागू रखेगी जिसमें इंग्लिश कॉम्प्रिहेंशन को पहली स्टेज से बाहर रखा गया था

May 11, 2015 / 02:40 pm

शक्ति सिंह

exam

exam

नई दिल्ली। यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रीलिमिनेरी परीक्षा से सरकार एप्टीट्यूड टेस्ट को शायद ही हटाए। सरकार 2014 फॉर्मेट को ही लागू रखेगी जिसमें इंग्लिश कॉम्प्रिहेंशन को पहली स्टेज से बाहर रखा गया था। आईएएस प्री में एप्टिट्यूड टेस्ट की शुुरूआत 2011 से की गई थी।

इस टेस्ट को लेकर पिछले साल संसद और सड़क पर काफी हंगामा हुआ। सड़कों पर छात्रों ने इसे हटाने को लेकर काफी प्रदर्शन किए थे, वहीं संसद में इस मुद्दे पर कामकाज बाधित हुआ था। इसके बाद मोदी सरकार ने परीक्षा फॉर्मेट क समीक्षा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब सरकार का मानना है कि इससे छेड़छाड़ सही नहीं है और ऎसा करना लाखों अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा। अप्रेल के अंत में यूपीएससी ने भी संसदीय स्टैंडिंग कमिटी को बताया कि उम्मीद है कि सरकार परीक्षा पर यथा स्थिति बनाए रखेगी।

गौरतलब है कि 2010 तक सिविल सेवा परीक्षा में ऑब्जेक्टिव स्टाइल के दो पेपर होते थे। इसमें पहला पेपर जनरल स्टडीज जबकि दूसरा वैकल्पिक विषय का होता था जो कि अभ्यर्थी को चुनना होता था। लेकिन 2011 के बाद दूसरे पेपर को जनरल स्टडीज से बदल दिया और इसमें एप्टीटयूड को शामिल किया गया। इसे सिविल सर्विसेज एप्टीटयूड टेस्ट या सीसैट कहते हैं।

इसके बाद आरोप लगाए गए कि नया पैटर्न टेक्नीकल, मैनेजमेंट और शहर से आने वाले छात्रों के पक्ष में बनाया गया है। इसके बाद सीसैट से अंग्रेजी का हिस्सा हटा दिया था। 2014 में इस परीक्षा के लिए 9.40 लाख छात्रों ने आवेदन किया था। इस साल यूपीएससी उम्मीद कर रही है कि 10 लाख आवेदन आ सकते हैं। 

Home / Education News / Exam / सीसैट पेपर में शायद ही बदलाव करे केन्द्र सरकार

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो