हाथ से जुड़े हाथ, कमल से कमल
अजमेर संभाग की पॉलिटिकल डायरी
हाथ से जुड़े हाथ, कमल से कमल
अजमेर संभाग पिछले सप्ताह राजनीतिक गतिवि धियों का केन्द्र रहा। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने अपने चुनाव चिन्ह के जरिए सूबे में अपनी पकड़ मजबूत करने की को शिश की। कांग्रेस ने छिटके हुए कार्यकर्ताओं को वापस जोड़ने पर जोर दिया। भाजपा ने विपक्ष के वोट बैंक में सेंधमारी की ओर कदम बढ़ाया।
अजमेर में कांग्रेस का संभाग स्तरीय अ धिवेशन हुआ। राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा अजमेर पधारे। टाेंक विधायक सचिन पायलट और केकड़ी विधायक रघु शर्मा की गैर मौजूदगी चर्चा में रही। रंधावा ने ‘हाथ से हाथ जोड़े’ अ भियान की प्रगति पर असंतोष जताया। कार्यकर्ताओं ने चार साल में जिलाध्यक्षों की नियु क्ति ना होने पर सवाल दागे, जिसका कोई जवाब नहीं मिला। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के सामने गुटबाजी हावी रही। पीसीसी के एक सदस्य ने तो यहां तक कह दिया कि जहाज तभी डूबता है जब उसमें छेद होते हैं। यहां अपने ही जहाज में छेद किये जा रहे हैं। एक दो और पदा धिकारियों ने भी खेमेबाजी के मुददे को उठाना चाहा पर उनकी बातों को अनदेखा कर दिया गया। अ धिवेशन से यही संदेश गया कि सचिन पायलट का हाथ अशोक गहलोत के हाथ से जुड़ जाए तो सरकार की वापसी हो सकती है।
भीलवाड़ा के मालासेरी डूंगरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आना हुआ। वे भगवान देवनारायण के 1111 वें जन्मोत्सम में शरीक हुए। उन्होंने भगवान देवनारायण की कमल के फूल से उत्प त्ति को भाजपा के चुनाव चिन्ह से जोड़ते हुए गुर्जर समाज को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मोदी ने भगवान देवनारायण के आदर्शों पर भी काम करने का दावा किया। मोदी ने सम्बोधन में भाजपा का नाम नहीं लिया। उन्होंने गुर्जर समाज को यह समझाने का प्रयास किया कि ‘उनके लोग’ भी भगवान देवनारायण के बताए सिद्धांतों पर काम कर रहे हैं। गो रक्षा हो या फिर अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद करने का मामला, वंचित वर्ग को सशक्त करना हो या संस्कृति की रक्षा सभी मसलों पर भगवान देव नारायण के बताए रास्तों का अनुसरण किया जा रहा है। मोदी ने मंदिर के दानपात्र में 1111 रुपए चढा़ए। साथ ही एक गुप्त लिफाफा भी डाला। लिफाफे का रहस्य अभी बना हुआ है।
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