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फरीदकोट

रिहायशी इलाकों, अस्पतालों और कार्यालयों में AC व Cooler का प्रयोग करने सम्बन्धी एडवायजरी जारी

कमरे का तापमान 24 -27 डिग्री सेल्सियस के बीच निर्धारित किया जाना चाहिए और नमी 40 प्रतिशत – 70 प्रतिशत के बीच होनी चाहिए।

फरीदकोटApr 25, 2020 / 08:05 pm

Bhanu Pratap

coolers banned in jabalpur

coolers banned in jabalpur

चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजऱ रिहायशी इलाकों, अस्पतालों और कार्यालयों में एयर कंडीशनर व कूलर का सुरक्षित ढंग से प्रयोग करने के लिए एक एडवायजऱी जारी की है।
आ रही है शंका

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पिछले कुछ सप्ताहों से गर्मी के मौसम की शुरुआत होने के चलते एयर कंडीशनर व कूलर्स का कोविड -19 के मद्देनजऱ सुरक्षित ढंग से प्रयोग करने सम्बन्धी कुछ प्रश्न चिन्ह सामने आए हैं। एयर कंडीशनर एक कमरे के बीच की हवा को घुमा कर (री-सर्कुलेट) दोबारा ठंडा करने के नियम पर काम करता है और मौजूदा कोविड-19 की स्थिति में कुछ चिंताजनक शंकाएं सामने आ रही हैं कि एयर कंडीशनर का प्रयोग बड़े स्थानों जैसे कि मॉल, कार्यालय, अस्पताल आदि में प्रयोग से लोगों के लिए बड़ा ख़तरा हो सकता है। राज्य की तरफ से ऐसी शंकाओं को दूर करने के लिए विभिन्न स्थानों और प्रयोग सम्बन्धी एक एडवायजऱी जारी करते हुये कुछ दिशा-निर्देश देने का फ़ैसला लिया गया है।
तापमान 24 -27 डिग्री सेल्सियस रखें
रिहायशी स्थानों पर कमरों में एयर कंडीशनरज़ की ठंडी हवा के साथ साथ थोड़ी सी खिडक़ी खुली रख कर और एग्जास्ट फैन के द्वारा बाहरी हवा को भी आने देना चाहिए जिससे कुदरती फिलट्रेशन के द्वारा निकासी हो सके। कमरे का तापमान 24 -27 डिग्री सेल्सियस के बीच निर्धारित किया जाना चाहिए और नमी 40 प्रतिशत – 70 प्रतिशत के बीच होनी चाहिए। फिल्टर को साफ़ रखने के लिए समय समय पर एयर कंडीशनर की मरम्मत की जानी चाहिए। कमरों में बड़ी संख्या में निकासी पंखे (एग्जास्ट फैन) लगाए जा सकते हैं जिससे कमरे में एक नकारात्मक दबाव बनाया जा सके और ताज़ी हवा के प्रवेश को यकीनी बनाया जा सके। कमरे के अंदर घूमती हवा अक्सर बाहर निकाली जानी चाहिए।
कूलर के लिए क्या करें
इवैपोरेटिव डैज़र्ट एयर कूलर संबंधी बात करते हुये उन्होंने कहा कि धूल के प्रवेश को रोकने और सफ़ाई बरकरार रखने की सलाह दी जाती है। इवैपोरेटिव कूलर की टंकियों को साफ़ और रोगाणु मुक्त किया जाना चाहिए और समय समय पर पानी निकाल कर दोबारा भरा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाकायदा हवा कूलरों को नियमित अंतरालें पर साफ़ और रोगाणु मुक्त किया जाना चाहिए। पानी की टंकी को खाली करके फिर नरम कपड़े, स्पंज और गर्म पानी के साथ पोंछा जाना चाहिए जिससे पुरानी सफ़ाई के बाद जमे अवशेष को ख़त्म किया जा सके। कूलर के टैंक को हलके साबुन वाले पानी से भी धोया जा सकता है और फिर साफ़ पानी से धोकर बाहर निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि कूलिंग पैड और हवा के छेदों को ठंडा रखने के लिए 50 -50 प्रतिशत पानी और सिरके के मिश्रण का प्रयोग किया जाना चाहिए। अच्छी हवा के आवागमन को यकीनी बनाने के लिए इवैपोरेटिव कूलरों को बाहर से भी हवा निकालनी चाहिए। पंखों को कुछ हद तक खिड़कियाँ खोल कर चलाया जाना चाहिए। अगर ऐगज़ौस्ट फैन पास के स्थान पर स्थित है तो बेहतर हवा के आवागमन के लिए हवा को बाहर निकालने के लिए इसको चलता रखना लाजि़मी है।
व्यापारिक स्थानों के लिए
व्यापारिक और औद्योगिक सहूलतों संबंधी बताते हुये उन्होंने कहा कि कोविड -19 के संक्रमण को हवा के द्वारा फैलने से रोकने या सीमित करने के लिए अंदरूनी वातावरण को जितना संभव हो सके हवादार रखना ही सबसे अच्छा तरीका है। वैंटीलेशन प्रदान करने वाले मैकैनिकल हवा के आवागमन की व्यवस्था और एयर कंडीशनिंग प्रणाली के द्वारा यह कार्य खिड़कियों को खोलने की अपेक्षा ज्यादा प्रभावशाली ढंग से किया जा सकता है क्योंकि यह फिलट्रेशन के साथ बाहरी हवा की गुणवता में सुधार करते हैं। अगर ताज़ी हवा प्रदान नहीं की जा सकती तो यह सलाह दी जाती है कि एक केंद्रीय इनलाईन फैन फि़ल्टर यूनिट के साथ जुड़े एक ताज़े हवा के द्वारा मल्टीपल कैसेट या मल्टीपल हाई बाल इकाईयों के मामलो में, ग्रिलों के द्वारा ताज़ी हवा को स्पेस में या अंदरूनी इकाईयों के नज़दीक से बाँटा जाये।
अस्पतालों के लिए

स्वास्थ्य संस्थाएं खासकर कोविड -19 वार्डों या एकांतवास केन्द्रों में संक्रमण के फैलने की संभावना और ज्यादा होती है। इसलिए यह सिफारिश की जाती है कि इन स्थानों पर लगे एयरकंडीशनिंग सिस्टम को अलग अस्पताल के बाकी हिस्सों या इमारतों की अपेक्षा अलग रखा जाये जिससे हवा के फिर संचार को रोका जा सके जिसमें बूँदों के न्यूकलियस वायरस होने की संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि कुछ स्थितियों में जहाँ अलग एयर कंडीशनिंग संभव / व्यावहारिक नहीं होती, ऐगज़ौस्ट हवा में वायरस को ले जाने वाले कण होने की संभावना है और इसलिए संक्रमण को फैलने को रोकने के लिए एक उचित तकनीक लगाई जानी चाहिए। कोविड -19 मरीज़ के कमरे में से बाहर निकाली जाने वाली हवा को एचआईपीए फिलट्रेशन के द्वारा या रासायनिक विधि के द्वारा रोगाणु -मुक्त किया जा सकता है या 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोकलोराईट वाले डफ्यूजड़ एयर ऐरेटर टैंक (प्राथमिक तौर पर ग़ैर-धातु पदार्थों के) द्वारा भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एगजॉस्ट एयर को 45 मिनटों के लिए 75 सैल्सियस के तापमान में रख कर सारस -कोव को इनऐकटिव किया जा सकता है। निकास प्रणालियों और सक्रिय वायरल कणों की मौजूदगी की संभावना के कारण ऐगज़ौस्ट प्रणाली और किसी भी रख-रखाव की गतिविधियों के दौरान उचित निजी और वातावरण सुरक्षा प्रोटोकोल की पालना करने की सलाह दी जाती है। सीमित स्रोतों की हालत में कोविड -19 वायरल कणों से अपेक्षित सुरक्षा के लिए मैक-स्फिट आईसोलेशन इनकलोजर भी तैयार किया जा सकता है। यह अस्थाई समय के लिए एक पक्के ढांचे (प्लास्टिक या धातु के) और प्लास्टिक की चादर या कैनवस कररिंग वाला एक अस्थाई तम्बू हो सकता है।
दफ्तरों के लिए
उन्होंने यह भी कहा कि एक आईसोलेशन सैंटर अच्छी तरह हवादार हो और प्राथमिक तौर पर सुरक्षित रखा जाना चाहिए। जब मैकैनिकल हवा के आवागमन का सहारा लिया जाता है, यह एक बार सिस्टम (नॉन -रीसरकुलेटरी प्रणाली) के द्वारा हो। उन्होंने कहा कि दफ़्तर गर्मियों के मौसम में कूलरों को केंद्रीयकरण वाले एयर कंडीशनरों के लिए अलग-अलग किस्मों के एयर कंडीशनिंग, जैसे कि विंडो / स्प्लिट एयर कंडीशनर का प्रयोग करते हैं और मालिक को सलाह दी जाती है कि वह अपने दफ्तरों में स्थापित एयर कंडीशनिंग की किस्म के आधार पर इस एडवायजऱी में सम्बन्धित भाग का हवाला दें।
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