आग पूरे जंगल में फैल चुकी थी। मौके पर एसडीएम भानूप्रताप यादव, एसडीएम अजीत सिंह , अपरपुलिसधीक्षक त्रिभुवन सिंह पहुंचे उन्होंने गांव वालों से सहयोग मांगकर खेतों में लगे इंजनों को चालू कराकर जंगल के चारों तरफ पानी डालने का काम शुरू करा दिया। दूसरी तरफ जंगल के आस पास के किसानों से कहा कि अपनी अपनी फसलों को जंगल से दूर सुरक्षित स्थान पर ले जाने की सलाह दी उसके बाद किसानों ने अपनी अपनी फसलों को जंगल से दूर कर लिया। देर रात्रि तक सभी अधिकारी जंगल के चारों घूम कर कही आग न जल रही हो उसकी चेकिंग करते रहे।
यह बबूल का जंगल सरकारी होने के साथ आस पास दर्जनों गांव है।लोगो की माने तो जंगल की जमीन पर कब्जा करने के लिए किसी ने आग लगाई हो या नगरपालिका के कूड़े के ढेर से जंगल मे आग लगी हो। जंगल मे कभी भी आग नही लग सकती-यदि जिला प्रसाशन या वन विभाग द्वारा जंगल की सफाई कराई जाए तो जंगल मे जो खर पतबार पैदा होता है वह बन्द हो जायेगा दूसरी तरफ दिल्ली की तरह जंगल के अंदर घूमने फिरने की पकडण्डी बना दी जाए तो आग लगने की जो समस्या है उससे निजात पाई जा सकती है।