बीके बहन का कहना है कि वीरेंद्र देव के आश्रम में जो भी लड़की एक बार चली जाती है, वह दोबारा बाहर नहीं निकल पाती। न ही लड़की के परिजनों को उससे मिलने दिया जाता है। अध्यात्म ज्ञान के नाम पर उन्हें बंदी बनाकर रखा जाता है। उन्होंने बताया कि आश्रम के लोग लड़की को खिचड़ी या पानी में कुछ खिला देते हैं, जिसके बाद वह सभी वीरेंद्र देव दीक्षित को अपना भगवान मानने लगती हैं। उन्होंने बताया कि वीरेंद्र देव के किसी भी आश्रम में लड़कियों को ज्यादा दिन नहीं ठहरने दिया जाता है।
यह भी पढ़ें
बचपन में पुजारी रहा वीरेंद्र देव, इसलिए जवानी में बलात्कारी बाबा बन गया
रात में ही सारे काम करता है अय्याश बाबाईश्वरीय प्रजापिता ब्रह्मा विश्व विद्यालय की संचालिका बीके बहन ने कहा कि वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम में जो भी काम होते हैं वह सभी रात में ही किये जाते हैं। वीरेंद्र देव दीक्षित यदि कोई गलत काम नहीं करते हैं तो उसे दिन के उजाले से क्यों डर लगता है? सन्यासी रात में विश्राम करते हैं, लेकिन बाबा वीरेंद्र देव रात में ही सभी काम करता है।
आश्रम में बिना परमीशन रखी जाती हैं लड़कियां
बीके बहन ने बताया कि अय्याश बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के जो भी आश्रम चल रहे हैं, उनका कोई लाइसेंस नहीं है। इन आश्रमों में छोटी-छोटी लड़कियों को भी बिना परमिशन रखा जाता है। और फिर उन्हें परिजनों से भी मिलने की इजाजत नहीं होती है। उन्होंने कहा कि देश के अंदर बाबा वीरेंद्र देव के जितने भी आश्रम चल रहे हैं, उन सभी को कबूतर खाना बनाकर रखा गया है। लड़कियां बाहर न झांक पायें, इसके लिए खिड़कियों पर पर्दा लगाकर रखा जाता है।
बीके बहन ने बताया कि अय्याश बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के जो भी आश्रम चल रहे हैं, उनका कोई लाइसेंस नहीं है। इन आश्रमों में छोटी-छोटी लड़कियों को भी बिना परमिशन रखा जाता है। और फिर उन्हें परिजनों से भी मिलने की इजाजत नहीं होती है। उन्होंने कहा कि देश के अंदर बाबा वीरेंद्र देव के जितने भी आश्रम चल रहे हैं, उन सभी को कबूतर खाना बनाकर रखा गया है। लड़कियां बाहर न झांक पायें, इसके लिए खिड़कियों पर पर्दा लगाकर रखा जाता है।
पिछले काफी समय से वीरेंद्र देव के आध्यात्मिक विश्विद्यालय और प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में डुप्लीकेसी को लेकर विवाद चलता रहा है। ऐसे में कहा तो जा रहा है कि हो सकता है बीके बहन के आरोप भी द्वेष से प्रेरित हों।
यह भी पढ़ें