देव उठनी ग्यारस 2019 : जानें व्रत, पूजा विधान और तुलसी विवाह की सरल विधि
मुहूर्त भी दो प्रकार के होते हैं एक वे जिनमें आपको किसी से कुछ भी पूछने की जरुरत नहीं होती, निश्चिंत होकर अपने मांगलिक कार्यों का आयोजन कर सकते हैं जिसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। लेकिन कुछ ऐसे भी मुहूर्त होते हैं जिनमें आपको ग्रह नक्षत्रों के शुभाशुभ होने पर विचार करना पड़ता है। हिन्दू धर्म में शुभ विवाह की तिथि वर-वधु की जन्मराशी के आधार पर निकालने का शास्त्रोंक्त प्राचीन विधान है। इसलिए विवाह से जुड़े प्रत्येक कार्य को शुभ मुहूर्त और सही समय में किया जाता है।
किसी काम की अच्छी शुरुआत व उस काम के परिणाम भी लाभदायक हो इसके लिए मान्यता है कि उस काम को शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। विवाह एक ऐसी परंपरा है, जिससे मानव प्रजाति व परिवार का विस्तार होता है। उसका पारिवारिक जीवन कितना खुशहाल होगा, जीवनसाथी कैसा होगा व संबंध किस तरह रहेंगे, यह सब दंपति की कुंडलियों के साथ-साथ जिस समय, जिस घड़ी, जिस लग्न में उनका विवाह हुआ है, उस समय ग्रहों की दशा पर भी निर्भर करता है। इसलिए तो विवाह के लिए कुंडली मिलान से लेकर सात फेरे लेने तक के लिए शुभ मुहूर्त निकलवाया जाता है।
।। नवंबर एवं दिसंबर 2019 में विवाह संस्कार के लिए सबसे शुभ मुहूर्त ये हैं।।
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नवंबर 2019 विवाह के शुभ मुहूर्त की तिथिया
19 नवंबर मंगलवार, मार्गशीर्ष कृष्ण सप्तमी
20 नवंबर बुधवार, मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी
21 नवंबर गुरुवार, मार्गशीर्ष कृष्ण नवमी
22 नवंबर शुक्रवार, मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी
23 नवंबर शनिवार, मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी
28 नवंबर गुरुवार, मार्गशीर्ष शुक्ल द्वितीया
30 नवंबर शनिवार, मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी
दिसंबर 2019 विवाह के शुभ मुहूर्त की तिथिया
7 दिसंबर शनिवार, मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी
11 दिसंबर बुधवार, मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी
12 दिसंबर गुरुवार, मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णिमा
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